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________________ श्री आचाराङ्ग सूत्र, प्रथम श्रुतस्कंध आज्ञा में है, क्योंकि वह भगवान द्वारा प्ररूपित शुद्ध मार्ग पर चलने एवं उसकी प्ररूपणा करने में सकुचाता नहीं है । अतः भगवान की आज्ञा में प्रवर्त्तने वाला साधक ही मोक्ष मार्ग के योग्य है। इस मार्ग को न्याय मार्ग भी कहा गया है, क्योंकि संसार संबन्ध का त्याग करने वाला मुनि ही इसे स्वीकार करता है । 436 'दुव्वसुमुणी - दुर्वसुमुनिः' का अर्थ है - भव्यजीव मुक्ति के योग्य है। क्योंकि 'वसु' का अर्थ द्रव्य माना है और भव्य संज्ञक जीव द्रव्य ही मुक्ति योग्य है । अतः अभव्य जीव को 'दुर्वसुमुनिः' कहा है। कारण कि उसमें मोक्ष जाने की योग्यता नहीं है, अर्थात् साधुवेश ग्रहण कर लेने पर भी मोक्ष के आधारभूत सम्यग् ज्ञान आदि का अभाव होने से वह मोक्ष के अयोग्य है । इसी कारण वह शुद्ध मार्ग की प्ररूपणा नहीं कर सकता । इससे स्पष्ट है कि ज्ञान युक्त व्यक्ति ही इस पथ पर चल सकता है और इसका उपदेश देकर दूसरों को भी सन्मार्ग बता सकता है । इसलिए उपदेश का भी महत्त्व माना गया है। उपदेश के महत्त्व को बताते हुए सूत्रकार कहते हैं- : मूलम् - जं दुक्खं पवेइयं इह माणवाणं तस्स दुक्खस्स कुसला परिन्नमुदाहरंति, इह कम्मं परिन्नाय सव्वसो जे अणन्नदंसी से अणन्नारामे जे अणण्णारामे से अणन्नदंसी, जहा पुण्णस्स कत्थइ तहा तुच्छस्स कत्थइ, जहा तुच्छस्स कत्थइ तहा पुण्णस्स कंथ ॥ 102॥ छाया-यद् दुःखं प्रवेदितमिह मानवानां तस्य दुःखस्य कुशलाः परिज्ञामुदाहरन्ति इति कर्म परिज्ञाय सर्वशो योऽनन्यदर्शी सोऽनन्यारामो योऽनन्यारामः स अनन्यदर्शी यथा पुण्यवतः कथ्यते तथा तुच्छस्य कथ्यते यथा तुच्छस्य कथ्यते तथा पुण्यवतः कथ्यते । पदार्थ - जं- जो । दुक्खं दुःख का कारण । पवेइयं - प्रतिपादन किया है। इह - इस संसार में। माणवाणं - जीवों को । तस्स - उस । दुक्खस्स - दुःख रूप कर्म 1. वसु- द्रव्यम्, एतच्च भव्येऽर्थे व्युत्पादितं 'द्रव्यं च भव्य' इत्यनेन भव्यश्च-मुक्तिगमनयोग्यः, ततश्च मुक्तिगमनयोग्यं यद्द्रव्यं तद्वसु, दुष्टं वसु दुर्वसु चासौ मुनिश्च दुर्वसुमुनिः - मोक्षगमनायोग्यः । -आवृत्त
SR No.002206
Book TitleAcharang Sutram Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAtmaramji Maharaj, Shiv Muni
PublisherAatm Gyan Shraman Shiv Agam Prakashan Samiti
Publication Year2003
Total Pages1026
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari & agam_acharang
File Size19 MB
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