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__इसके अनन्तर पुनः निरन्तर चौदह-चौदह लाख मोक्ष को और दो-दो सर्वार्थसिद्ध को तब तक गए जब तक कि ये दो-दो भी सर्वार्थसिद्धि में असंख्य न हो गए। इसी प्रकार क्रम से पुन: चौदह लाख मोक्ष होने के बाद तीन-तीन, फिर चार-चार करके पचास-पचास तक सर्वार्थसिद्ध महाविमान में गए और वे भी असंख्य होते गए।
इसके पश्चात् क्रम बदल गया, 14 लाख सर्वार्थसिद्ध-महाविमान में गए, तत्पश्चात् एक-एक मोक्ष को जाने लगे, पूर्वोक्त प्रकार से दो-दो, फिर तीन-तीन करके पचास तक गए और सब असंख्य होते गए। इनकी तालिका निम्नलिखित है14 | 14 | 14 14 14 14 14 14 14 14 14 | सिद्ध गति में | 1 | 2 | 3 | 4 5 6 7 8 9 10 150 | सर्वार्थसिद्ध में
1 2 3 4 5 6 7 8 9 10 150 सिद्ध गति में |14 | 14 | 14 |14 |14 |14 | 14 |14 |14 | 14 | 14 | सर्वार्थसिद्ध विमान में|
इसके बाद फिर क्रम बदला-दो लाख निर्वाण को और दो लाख सर्वार्थसिद्धि को फिर तीन-तीन लाख फिर चार-चार लाख। इस प्रकार से दोनों ओर यह संख्या भी असंख्यात तक पहुंच गई। इसकी तालिका उदाहरण के रूप में निम्नलिखित है
| 2 | 3 4 5 6 7 | 8 | 9 | 10 | मोक्षे गताः | 2 | 3 | 4 | 5 | 6 | 7 | 8 | 9 | 10 | सर्वार्थसिद्धिं गताः
इसके बाद काल के प्रभाव से फिर क्रम बदला, वह इस प्रकार है। | 1 3 1579 | 11 13 15 17 |19 | मोक्षे गताः | 2 4 6 18 | 10 | 12 | 14 16 18 20 सर्वार्थसिद्धिं गताः |
(2) तत्पश्चात् पुनः काल के प्रभाव से क्रम बदला, जैसे कि| 15|9 13 |17 |21 25/ मोक्षे गताः | 3 | 7 |11 15 19 23 | 27] सर्वार्थसिद्धौ गताः
(3)
तत्पश्चात् फिर कुछ अन्य प्रकार से क्रम बदला|17 | 13 | 19 | 25 | 31 | 37 | 43 | 49155मोक्षे गताः | 4 10 16 | 22 28 ] 34 | 40 46 | 52 | 58 | सर्वार्थसिद्धौ गताः ।
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