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- नमन वीर प्रभु महाप्राण, सुधर्मा जी गुणखान। अमर जी युगभान, महिमा अपार है। मोतीराम प्रज्ञावन्त, गणपत गुणवन्त।
जयराम जयवन्त, सदा जयकार है।। ज्ञानी-ध्यानी शालीग्राम, जैनाचार्य आत्माराम।
ज्ञान गुरु गुणधाम, नमन हजार है। " ध्यान योगी शिवमुनि, मुनियों के शिरोमणि। पूज्यवर प्रज्ञाधनी शिरीष नैय्या पार है।।
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