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शब्दार्थ-कोषः]
हिन्दीभाषाटीकासहितम्
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____६२
सओरोहो अन्तः पुर के साथ ६२२ सच्चा-सत्या
१०८६, १०६२ संजओ-संजय नाम वाला ७२६, ७३६, ७३६ सच्चे-सत्यवादी
७४१ ७४६ संचिक्खमाणो सम्यक् प्रकार से संजओ नाम संजय नाम वाला ७२२ विचरता हुआ संजुओ संयुक्त था और ६५५ संचयो-संचय घृतादि पदार्थों का ७६८ संजईए-संयम-शीला के
संवरे-विचर संजए-संयत और ६४५, ८६८,६३६, ६४५
सञ्चपरक्कमे सत्य पराक्रम वाले ७४१
१०८० संछन्नं आच्छादित और संजुए-संयुक्त था . ६५२, ६५४ संजोग-संयोग
११२६ संका-शंका ६६७, ६६६, ६७१, ६७३, ६७५ संजममाणोऽवि-संयम में रहा हुआ भी ७४३ ६७८,६८०, ६८१, ६-३, ६८५ संजमम्मि संयम में
७७८ संकाठाणानि शंका के स्थान ६६७ संजुन्तो युक्त, संयुक्त ७२४, ७३४ संफमाणो शंका करता हुआ ६३३ संजम-संयम को . ५-५, EE सक्खं मित्रता ६११, ७५६, ७६० | संजम-संयम के ७४४, ६१६ ६६ संजमे-संयम
८०४ संखवियाण-क्षय करके ११६ संजमेण संयम से ८४२, ११४२ सक्कई-सत्कार को
६४५ संजमबहुले-संयम-बहुल ६६३,६६४,६६५ सक्केण शक्र-इन्द्र के द्वारा ७५६, ७६० संजय मैं संयत हूँ इस प्रकार ६०४,६३६ सकम्मसेसेण-स्वकर्म शेष में . ५८२ संजयं-संयत को ७७४, ८६७,६८२ सकम्मसीलस्स-स्वकर्मनिष्ठ ५८५ | संजया हे संयत! ८७१, ८७४, १२० सकम्मेहि अपने किये हुए कर्मों के संजयाणं संयतों को ८६५, १००५ - प्रभाव से
संजयमन्नमाणे-संयत मानता हुआ ७०७ संकह-साथ बैठकर कथा करना ६८ सज्झाय स्वाध्याय ७२४, १११६
संज्झायं-स्वाध्याय
१०७८ संग-संग को जो
६३४ | संठाणं-आकार विशेष वा कटि भादि ६८४ समान्सगे, सगी ८८७, ८ संडासतुंडेहि-संडासी के समान मुख . संगहेण-संक्षेप से वा विस्तार से ११२१ | वाले
८२३ संगुप्फ स्तनादि को गुप्त ८२ | सणंकुमारो-सनत्कुमार संगामसीसे-संग्राम के सिर पर . ६४१ समाहो-सनाथ होता है सगरोऽवि महाराज सगर भी ७५१ सणाहा सनाथ हैं .. ६१६ संघयणो संहनन
YE संतस्स प्राप्त हो जाने पर
माने पर . ७७५ संश-संयम में
७६४ सत्ता आसक्त हैं ६०१, ६२८, ६३१ सश्चमोसा-सत्यामृषा १०८६, १०६२ संतरूत्तरो-प्रधान वस्त्र धारण करना सच-सत्य ७६४,६३५
. १००८, १०२६
संग-संग से