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४८ ]
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मडियं = महर्द्धिक के प्रति महप्पणो = महात्मा को महप्पभावस्स=महाप्रभाव वाले महम्बलो = महाबल
महव्वयं = महाव्रत महव्वयाइ= महाव्रतों को
महभयाओ - महाभय उत्पन्न करने
वाली
उत्तराध्ययनसूत्रम्
८३७
महब्भरो= बड़ा समूह
८०२
महया-बड़े प्रमाण से
७२३, ७३५
महया वित्थरेण= महान् विस्तार से - ६१७ म=महान है ८६३, ८७२ ७८७, ७८ह
६३४
६५८ | महापाणे = महाप्राण विमान में
७४५
८००, १२५ महाभयावहं = महान् भय के देने वाले ८६३ ८६१ महाभवोहं = महाभावी के समूह को ६५० ७६५ | महाभाग= हे महाभाग !
७६६
महामेह = महामेघ के
१०१६, २० १०४२
८६६
महामुणी = महामुनि
७४०, ६१७, २००७
१०१८, १०२६, १०३३, १०४०
११००, ११०७
महंत =महान् महन्तमोहं = महामोह तथा महाउदगवेगेणं=महान् उदक के
वेग से १०५२ महाउदगवेगस्स=महान् उदक वेग की १०५३ महाकिलेसं = महाक्लैश रूप है और महाजसो = महायश वाला महाजं ते सु = महायंत्रों में महाजसस्स= महान् यश वाले महातवोधणे = महातपस्वी
८६१
१७
महातिलेसु=तिलों में उत्पन्न हो जाता है ६०१ महादवग्गिसंकासे=महादवाग्नि के
सदृश
महादीवो = महाद्वीप महानाग = महानाग सर्प
महानियंठाण = महानिर्ग्रन्थों के महानियण्ठिज्जम् = महानिर्ग्रन्थीय
महापन्ने= महाबुद्धिशाली महायइणणे = महती प्रज्ञावाले और
महापडमो = महापद्म
महापरणे = महाबुद्धिमान् महापाली = सागरोपमवाली
६३४
७५२
= १६
८१६
१०५३
|
६१७
६६६
१७
७५६
६६३
७४५
महामुहिं = महामुनि को पहचान लिया
महायसं = महायश वाले महायसे = महायश वाले
महाय से हिं= महायश वाले महाय सो= महायश वाला
महारणंमि = महाटवी में
महारायं = हे महाराज !
८५२ महिसो = महिष की
१४ | महूणि= मधु
[ शब्दार्थ- कोषः
१०१३, १००४ ६६८, ६१७, १००२
६४७ ७६५, ६६८
६५४, १०६६ ८४३
८७२, ८६, ८८१
८६, ८८७, ८८८, ८६०
८२५
६२५
६१७
७६६
१११७
७७७, ६५४
५२
महावणं = महावन को
महावीरस्स= महावीर
महासुयं = महाश्रुत महिं पृथिवी पर
महिओ = पूजित है - तद्वत् पूजित महिड्डिए= महान् समृद्धि वाला
महेसिणो = महर्षि लोग
महेसी = महर्षि
१११०, ११३४
१०६७, २०६८
महोहंसि = महाप्रवाह वाले में
मा=मत
१०६५, १०५८
६४८, ६१६, ६४५
१०५६
८७७
८२३
८३५
माणनिसूरणो = वैरियों के मान का विनाश करने वाला
७५७