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शब्दार्थ कोषः ]
पासिया देखकर पासे = पाशों को
पासे = पार्श्वनाथ पासे = पाश और पासं समीप
पाखंडा=पाखण्डी लोग और
पास डी = पाखण्डी लोग
पाहिंति = पीऊँगा, इस प्रकार पि= संभावना में पिच्चा = पीकर
पिंजरे = पिंजरे में
१००७, १०१८, १०२६
८२८
हिन्दीभाषाटीकासहितम् ।
पियदसणे = प्रियदर्शी बन गया
बियपुरागा = प्रिय पुत्र पियमपियं= प्रिय और अप्रिय
पियरं-पिता को
पियरो वि= पिता भी
पिया - पिता ने पिया = प्रिय थे
पिहिपासवो= पिहिताश्रव होकर
पिहुंडे = पिण्ड नगर में पिहुंडे - पिएड नामा
पीडई = पीड़ा
पीडिओ = पीड़ित होने पर
पीढं= आसन
६८१ | पुच्छामि = पूछता हूँ १०३५ | पुच्छिऊण= पूछकर पुच्छिओ = पूछे हुए आप
= फिर
पिंड नीरसं= नीरस पिण्ड की भी निन्दा
करे
७२५
१०१४
१०५१
८२४
किया गया पुरणपयं=पुण्यपद पुच्छ = पूछें
पुच्छ-पूछता है पुच्छसी-तू पूछता है.
७०५ ६२७
पीयं = पिया हुआ पीला = पीड़ा
पीलिओमि = मैं पीला गया- पीड़ित
८३४, ८८०, ८८५, ६३०
२८३३
पुणो पुणो वार वार
पुणों= फिर
६५६
पुत्ते पुत्रों को ५८५ पुत्तो = पुत्र
६२६
६३६
| पुनपाव= पुण्य और पाप को ७३३ पुम्मत्तं = पुरुष भाव में ७३३
७७, ७८
७०८
पुरं=नगर
पुरंदरो-इन्द्र के समान भी होवे पुरा=पहले ८५८ पुराणं पूर्वकृत से ६२७ पुराकडाई = पूर्वकृत को
६४६,७४७
पुत्त = पुत्र ७६२, ७८५, ७६२, ८०५, ८४०
८५१, ८५३
६०५
६८३
तं पुत्र को
पुत्तसोग-पुत्र शोक पुत्तसपुत्र के
६१४, ८६१
पुत्ता= पुत्र ६२२, ७३३, ८०१, ८०२, ८५०
६५३
५८६, ७३३, ७७१
६५४ i ६५० ५८३ ८७६,८७७
६२६ पुराकथं=पुराकृत है ८८२ पुराणयं = पूर्वजन्म की
[ ४१
१०१६
२०
१११२
८४०
८६१
पुराणपुर मेयणी - जीर्ण नगरियों को भेदन करने वाली
८१६
७५०
पुरिं = पुरी को
१०१७ पुरिमस्स = पूर्व तीर्थङ्कर के और
८४४, १९१० पुरिसो = पुरुष
७४८ | पुरिसे = पुरुष
දිදුළි
६०६, ७८२
५८२
६४३
७७७
७७६
पुराणे=प्राचीन था पुरिमाणं = पूर्व के मुनियों का
पुंरिमा = पहले, प्रथम तीर्थङ्कर के मुनि
1.
७५३
८८६
CCO
५८०
१०२३
१०२१
११००
१०६८
६२४
५६६