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शब्दार्थ-कोषः ]
इ
इइ=इस प्रकार ७४१, ७४७, ७४८, १०३२, १०३६, १०४०, १०४३, १०४७,
१०५४ ८६१,६०६
६१६
७५५
६२४, ६८८
६२०, ६८६
६७३
इओ = इस अनुभूयमान इक्को = अकेला
हिन्दीभाषाटीकासहितम् ।
इक्खागु=इक्ष्वाकु इच्छसि = तुम इच्छा करते हो safa = चाहता हूँ से इच्छिमणोरर्ह - इच्छित मनोरथ को
sagi = अनुमति दी है। इटुं इष्टना
इडा = वल्लभ
इड्डिमन्तस्स ऋद्धि वाले
६५३
८७३
हड्डी ऋद्धि
८५३
६६२
ऋद्धि से इर्ण=इस ७२१, ७८१, ६१७, १०१६, १०१७, १०२०, १०२७, १०३२, १०३६, १०४०, १०४३, ११०५. इणम्=यह वचन ६१८, ६३२, ६६३, ११३५ इति चे = यदि ऐसे कहा जाय तो ६६७, ६७० इसो इस से ८१३, ८१४, ८३८, १०८६ =यहाँ पर इत्थियाहि=त्रियों के इत्थिहि=स्त्रियों के इत्थजण - बीजन से इत्थिजणेणं=स्त्री जन के द्वारा इत्थिजणस्स = स्त्री जन को रथी-स्त्री
इस्थीणं = स्त्रियों की ६६६, ६७२, ६७३, ६७५,
६७६, ६७८ ६७० ६७१
इत्थीहि = स्त्रियों के इन्दियत्थे इन्द्रियों के अर्थों को
१०२७ |इमा = यह
६६६
१०३३
इन्दियाणि= इन्द्रियाँ भी शत्रु इन्दासणिसमा= इन्द्र के वज्र के समान ८८२ इन्दियग्गाम= इन्द्रियों के समूह का ११०० इन्दियाई = इन्द्रियों को इंदियाण = इन्द्रियों को
६७२, ६७३, ६६३
१०६३
६०३
इंदियग्गेज्भ = इन्द्रियग्राह्य इंदियदरिसणं= इन्द्रियों का दर्शन
६६४
इमं=यह प्रत्यक्ष ७८१,
५८७, ५८८, ५६८, ७७८, ७८५,८१४, ६१४, ६३२, ६८२, १०८३, ११०६
इमे ये प्रत्यक्ष
इमे विलोप = यह
इमो = यह १००६,
[ ९
८००, ८६८, १००६
६१६, ६३१, ६६५, ६६४ लोक भी
६१२
१००७, २००८, १०१८,
१०२५, १०२६, १०६७
१०७२
६२४
इय- इतनी
इयरो वि- इतर - मुनि भी इरिया = ईर्या इरियं = ईर्ष्या को इरियामि = गोचरी आदि
५६०, ५६६
७७२ |इसिज्भयं = ऋषिध्वज से ६८७ |इसीहिं= ऋषियों द्वारा ६८३ |इसुयारराया = इषुकार राजा ६८३ | इस्सरियं = ऐश्वर्य ६६६, ६६७ | इह = इस लोक में
१०७२
१०७४
७४३
इरिया = ईर्ष्या में
६००
६८६ | इव= तरह ६३०, ७७२, ८०५, ६०६, ६२४,
४१, १११६
६०४
६४७
५८३ ७५१,८७७ ६१५, ६२६, ६६३, ८१०, ६०४, ६४०, ६५८, ११२७
इहलोइय = इस लोक के
६५२
इहेच = यहाँ घर में ही
५६६
१०७८ | इह = इस लोक में ७१६, ८१३, ८१४, ८५७