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________________ ६२ संग्रहणीसूत्र थाय बे; पण अहीयांथी एकेका छीपनां त्रण नाम कहेवा माटे अर्थमांदे, दशमो अरुणवरहीप कहेवो, अगीयारमो अरुणवरावजासहीप, ए त्रीजुं नाम कह्यु. एम बारमो कुंडलछीप, तेरमो कुंमलवर छीप, चौदमो कुंडलवरावनासहीप, पन्नरमो संखछीप, सोलमो संखवरहीप, सत्तरमो संखवरावनास, श्रढोरमो रुचक, जंगणीशमो रुचकवर, वीशमो रुचकवरावनास, एकवीशमो नूयंग, बावीशमो नूयंगवर, त्रेवीशमो नूयंगवरावनास, चोवीशमो कुस, पचीशमो कुसवर, वीशमो कुसवरावनास, सता. वीशमो क्रौंच, अहावीशमो क्रौंचवर, गणत्रीशमो क्रौंचवरावनास हीप . ॥ ए समस्त छीप एकेके समुझे वींव्या बे, ते समुझोनां नाम कहे .॥ पढमे लवणो जलहि॥ बीए कालोय पुस्कराईसु ॥दी वेसु हुँति जलही॥ दीव समाणेहिं नामेहिं ॥ ७ ॥ अर्थ- पढमे के पहेले छीपे लवणो के लवण नामा जलही के समु . बीए के बीजे छीपे कालोए के कालोदधि नामा समु. तेथकी आगल त्रीजे दीपे पुरकराईसु के पुष्करवरादिक दीवेसु के छीपनेविषे जे जलही के० समुफ बे, ते दीवसमाणेहिं के छीपने समान नामेहिं के नामेज ते समुखोना नाम हुंति के बे. एटले पागल हीपछीपने नामे समुजनां नाम पण जाणवां. जेम वारुणीवर हीपे वारुणीवरसमुह, ए रीते सर्व हीप सरखेज नामे समुझे वींट्या बे. अने सीप तथा तेना समुज्नुं नाम सर्व एकज बे. तथा जेवू नाम तेहवो गुण बे. जेम जंबुवृदे करी जंबुझीप नाम डे, अने लवण सरखं खारं पाणी माटे लवणसमुफ नाम . धावडी वृके करी धातकीखंड नाम . ए रीते बीजा सर्व बीप समुजनां अर्थ सहित नाम जाणवां. ॥ ७० ॥ श्रहीयां छीप समुज्ना अधिपति जे व्यंतरदेवता, तेहy एक पख्योपम आयुष्य जाणवू. ॥ हवे बीजा छीपसमुज्ना केवां केवां नाम डे ? ते अतिदेशेकरी कहे . ॥ आनरण व गंधे ॥ जप्पल तिलएय पनम निहि रयणे ॥ वासदर दद नई ॥ विजया वस्कार कप्पिदा ॥ १ ॥ कुरु मंदर आवासा ॥ कूडा नरकत्त चंद सूराय ॥ अन्नेवि एव माई ॥ पसब वजूण जे नामा॥७२॥ तन्नामा दीवुददी ॥ तिपडो यायार हुंति अरुणाई॥ जंबूलवणाईया ॥ पत्तेय ते असंखिजा ॥ ३३ ॥ ताणं तिम सूरवरा ॥वनास जलदी परंतु इकिका ॥ देवे नागे जके ॥ नूएय सयंजुरमणेय ॥ ४ ॥ अर्थ-बाजरण के हार प्रमुख जे अलंकार-तेनां जेटलां नाम , ते नामे छीप Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.002168
Book TitlePrakarana Ratnakar Part 4
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBhimsinh Manek Shravak Mumbai
PublisherShravak Bhimsinh Manek
Publication Year1912
Total Pages896
LanguageHindi, Gujarati
ClassificationBook_Devnagari & Literature
File Size27 MB
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