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________________ ५४ सप्ततिकानामा षष्ठ कर्मग्रंथ. ६ अपेक्षायें मोहनीयनी सत्ता होय. ते पण एक नांगो प्रसंगें कह्यो, परंतु अहीं बंध आने उदयना संवेध मांहे सत्तानो नांगो कदेवो. ते निष्कारण जे तेथीन कह्यो, अने वीणमोहे तो सत्ता पण न होय ॥ इति ॥ १५ ॥ ॥अथ दशादिषूदयस्थानेषु यावंतोनंगाः स्युस्तानाह. हवे दशादिक पश्चानुपूर्वियें एक पर्यंत उदयस्थानकने विषे जेटला नांगा होय, ते कहे .॥ श्कग बक्किकारस, दस सत्त चनक श्कगंचेव ॥ एए चन वीस गया, बार उगिकम्मि इक्कारा ॥ तथा मतांतरे, चवीस उगिकमिक्कारा ॥ २० ॥ अर्थ-ग्रहीयां उदयने स्थानकें यथाक्रमें संख्या जोमवी. तिहां दशने जदयें शक्कग के एक चोवीशी, नवने उदयें बक्क के चोवीशी, श्राउने उदयें कारस के अगीश्रार चोवीशी, सातने उदयें दस के० दश चोवीशी, बने उदयें सत्त के सात चोवीशी, पांचने उदयें चउक के चार चोवीशी, चारने उदयें श्वगंचेव के निश्चं एक चोवीशी नांगा होय. एएचवीसगया के ए सर्व मलीने चालीश चोवीशी नांगा थाय. ए नांगा जपजाववानी नावना पूर्वे कही , तेम जाणवी; तथा बारग के बेने जदयें बार नोंगा होय, अने कम्मिश्कारा के० एकने जदयें अगीश्रार नांगा होय, ते केम? जे चारने बंधे चार, त्रणने बंधे त्रण, बेने बंधे बे अने एकने बंधे एक, तथा अबंधे एक, एवं अगीआर जांगा थाय. तथा अन्य आचार्यने मते चनवीसग के बेने यदयें एक चोवीशी जांगा जपजे, एटले बार जांगा पांचने बंधे अने बेने उदयें तथा बार नांगा चारने बंधे अने बेने उदयें, एम चोवीश नांगा उपजे; अने श्कमिक्कारा के एकने बंधे अगीथार नांगा उपजे, ए मतांतर कद्यु. ॥ २० ॥ ॥ एतेषामेव नंगानां विशिष्टसंख्यां पदसंख्यां च खमतेन आह॥ ॥हवे एज नांगानी विशिष्टपणे संख्या थने तेना पदनी संख्या पोताने मतें कहे जे.॥ नव तेसीइ सएहिं, उदय विगप्पेदि मोहिया जीवा ॥ अणुत्तरि सीआला, पयविंद सएहिं विन्नेआ ॥१॥ ॥ अथवा मतांतरेण नंग संख्या पदसंख्यामाद ॥ नव पंचाण उसए, उदय विगप्पेदि मोहिया जीवा ॥ अजणत्तरि एगुत्तरि, पयविंद सएहिं विन्नेआ ॥॥ ___अर्थ-अहींयां दश, नव, थाळ, सात, ब, पांच, अने चार, ए सात उदयस्थान Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.002168
Book TitlePrakarana Ratnakar Part 4
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBhimsinh Manek Shravak Mumbai
PublisherShravak Bhimsinh Manek
Publication Year1912
Total Pages896
LanguageHindi, Gujarati
ClassificationBook_Devnagari & Literature
File Size27 MB
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