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शतकनामा पंचम कर्मग्रंथ. ५ चोराशी लक्ष नलिने(१७)एक अदिनिकुरांग, चोराश। लद अदिनिकुरांगें(रए)एक श्र. दिनिकुर, चोराशी लद अदिनिकुरें(२०)एक अयुतांग, चोराशी लद अयुतांगे (२१) एक अयुत, चोराशी लद अयुते (२२) एक नयुतांग, चोराशी लद नयुतांगे (२३) एक नयुत, चोराशी लद नयुतें(२४)एक प्रयुतांग, चोराशी लद प्रयुतांगें(२५)एक प्रयुत, चोराशी लद प्रयुते (२६) एक चूलिकांग, चोराशी लद चूलिकांगें (५७) एक चूलिका, चोराशी लद चूलिकायें(२७)एक शीर्षप्रहेलिकांग, चोराशी लद शीर्षप्रहेलिकांगें(रए) एक शीर्षप्रहेलिका, अहीं सुधी संख्यातो काल गएयो आवे. ए शीर्षप्रहेलिकायें श्राटला श्रांक श्रावे ते अंक मांडीयें बैयें. ( ३५७२६३२५३०४३१०२४१९५७ए७३५६ए। ७५६ए६४०६१ए६६JGUG०१३शए६२ ) ए चोपन श्रांक आगल एकसो ने चालीश शून्य मांडीयें, तेवारें एकसो ने चोराणुं अंक थाय. त्यांसुधी संख्याता वर्ष जाणवां. उपरांत गणतां नावे ते माटें पाला तथा समुसादिकनी उपमायें करी समजाव्यु जाय, पण गणतां पार न आवे, तेने असंख्याता कहीयें, ते असंख्याता वर्ष प्रमाण पत्योपम सागरोपम जाणवू, तेनुं स्वरूप समजाववाने गाथा कहे . ॥ ४ ॥
॥अथ पदयोपमस्वरूपमाह ॥ नहार अ६ खित्तं, पलिय तिदा समय वाससय समए ॥
केसव दारो दीवो, दहि आज तसाय परिमाणं ॥ ५॥ अर्थ- धान्य पट्यवत् पट्योपम, तथा वली सागरवत् सागरोपम जाणवू. तेना प्रत्येकें त्रण त्रण नेद बे. तत्र वालाग्र अथवा वालाग्र खंडोनो प्रतिसमयें उधार के० उद्धरण करवो, ते वे प्राधान्य जिहां तेने प्रथम उद्धार पढ्योपम कहीयें; अने अद्ध के अद्धा एटले काल ते प्रस्ताव थकी वालोग्रोने अथवा वालोग्रोना खंमोने अपहारें प्रत्येके वर्ष शत लक्षण प्राधान्य दे जिहां ते बीजो श्रद्धा पस्योपम कहीये; तथा खित्तं के० क्षेत्र जे श्राकाश प्रदेशरूप तेनुं प्राधान्य जिहां ते त्रीजा देत्र पढ्योपम कहीयें. ए तिहा के० त्रणे प्रकारना पलिय के० पस्योपम तेने प्रत्येकें सूक्ष्म अने बादर एम बे बे नेदें करतां बनेद थाय.
तेनुं मान कांशएक विस्तारथी लखीयें बैयें. अनंत परमाणुयें एक व्यावहारिक परमाणु थाय, तेवा आठ परमाणुयें एक त्रसरेणु थाय, तेवा आठ त्रसरेणुयें एक ऊर्ध्वरेणु थाय, आठ उर्ध्वरेणुयें एक रथरेणु थाय, आठ रथरेणुयें एक उत्तरकुरु युगलीयानो वालाग्र थाय. तेवा श्राप वाला महाहिमवंत युगलियानो वालाग्र थाय, तेवा आठ वाला हिमवंत युगलियानो एक वालाग्र थाय, तेवा आठ वाला महाविदेहनरनो वालाग्र थाय, तेवा आठ वालायें जरतनरनो एक वालाग्र थाय, तेवा
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