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षडशीतिनामा चतुर्थ कर्मग्रंथ. ४ -५३७ नव बंधहेतुना थाय. ते मध्ये जय, जुगुप्सा तथा एक कायनो बंध नेलतां दश हेतुयें नंग (३000) थाय. तथा बे कायनो बंध नेलतां अगीवार हेतुयें (उ४००), त्रण कायनो बंध नेलतां बार हेतुयें (एG000), चार कायनो बंध नेलतां तेर हेतुयें (400), पांच कायनो बंध जेलतां चौद हेतुयें (३ए२००), बकायनो बंध नेलतां पंदर हेतुयें ( १९२००), जय, जुगुप्सा अने बकाय साथै शोल हेतुयें ( १४००) थाय. एम सर्व मली चोथे गुणगणे ( ३५२७००) नंग थाय.
हवे पांचमे देशविरतिगुणगाणे ( १६३६७०), नांगा उपजे. केम के ए जीव त्रस कायथी विरम्या माटें पांच कायना एक संयोगी नांगा पांच, हिकसंयोगी नांगा दश भने त्रिकसंयोगी नांगा दश तथा चतुःसंयोगी जांगा पांच अने पंचसंयोगी नांगो एक. अहींयां एक जीव श्राश्री जघन्यश्री आठ, नव, दश, अगीबार, बार, तेर, उत्कृष्टा चौद हेतु होय. ए रीते सात विकल्प थया. तिहां जघन्यथी काय एक, इंज्यि एक, कषाय बे, हास्यादियुगल, वेद एक, योग अगीश्रारमांहेलो एक, ए श्राप हेतु होय. तिहां पांच कायना नांगा पांच होय.
श्रहीं पांच कायना बंधने पंचेंजिय साथें गुणतां पञ्चीश थाय. तेने युगल साथें गुणतां पञ्चाश थाय, तेने त्रण वेद साथें गुणतां दोढसो थाय, तेने चार कपाय साथें गुणतां बसें थाय, तेने अगीथार योग साथै गुणतां बाराहसें जंग श्राव हेतुना थाय. - तेमध्ये जय तथा जुगुप्सा तथा बे कायना बंध साथै नव हेतु करीयें, तेवारें जयथी बाशठसे अने तेमज जुगुप्सा .साथें बाशहसें अने बे कायना बंध साथें (१३२००) थाय. एमत्रण विकल्पं नव बंधहेतुना नांगा (२६४०० ) थाय.
तथा नय, जुगुप्सा लीधे दश बंधहेतुना नांगा (६६००), नय, तथा बे काय बंधे नांगा ( २३२०० ), कुछा अने बे काय बंधे नांगा (१३२००), तथा त्रण कायबंधे पण (१३५०० ) नांगा थाय. एवं दश हेतुना चार विकल्पं थई (४६२००) नांगा थाय. - एम जय, जुगुप्सा अने बे काय बंधे अगीवार हेतुना नंग (१३२००), नय अने त्रण काय लीधे ( १३५०० ), कुछा अने त्रण काय लीधे ( १३५०० ), चार काय नेले (६६००), ए चार विकल्प अगीबार हेतुना (४६२०० ) थाय.
जय अने चतुष्कायबंधे बार हेतुयें नांगा (६६००), जुगुप्सा अने चतुष्काय बंधे नांगा (६६००), जय, जुगुप्सा अनेत्रण कायबंधे नांगा ( १३१००), पांच काय. बंधे नांगा ( १३२०.), एम सर्व मली बार हेतुना चार विकल्पें नांगा (२०२०).
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