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________________ ५२० षडशीतिनामा चतुर्थ कर्मग्रंथ. ४ गणाथी सेसेसु के शेष रह्यां जे अगीश्रार गुणगणां तेने विष सन्निपजत्तो के सन्निपर्याप्तानो एकज नेद होय. ॥ ४ ॥ ॥ हवे चौद गुणगणे योग कहे .॥ ॥ अथ गुणगणेषु योगानाद ॥ मिब उगि अजइ जोगा, दार गूणा अपुव पणगेन ॥ मण वय उरख सविनवि, मीसी सविनवि उग देसे ॥ ए॥ अर्थ- मिगि के मिथ्यात्व श्रने सास्वादन, ए बे गुणगणा अने त्रीजुंअजय के अविर तिसम्यक्दृष्टि, ए त्रण गुणगणे जोगाहारगृणा के थाहारक अने थाहारकमिश्र ए बे योग न होय. बीजा तेर योग होय. तिहां कार्मण अने औदारिकमिश्र ए बे योग, अपर्याप्तावस्थायें मनुष्य तथा तिर्यंचने होय, ने वैक्रियमिश्र ए एक योग, देवता नारकीने अपर्याप्तावस्थायें होय, शेष मनना चार, वचनना चार, औदारिक अने वैक्रिय, ए दश योग, पर्याप्तावस्थायें होय, अने चारित्र, ए त्रण गुणगणे नथी तेलणी थाहारहिक न होय. तथा अपुवपणगेउ के अपूर्वादिक पांच गुणगणां एटले अपूर्वकरण, बादरसंपराय, सूक्ष्मसंपराय, उपशांतमोह अने वीणमोह, ए पांच गुणगणे मण के मनना चार योग, तथा वय के वचनना चार योग अने उरल के० औदारिक, ए नव योग पामीयें. ए अपूर्वादिक पांच गुणगणे अतिविशुद्ध चारित्रजणी वैक्रिय तथा श्राहारक शरीर न करे, तेथी तेना चार योग एने न होय. श्रहींयां अपर्याप्तो न होय माटे औदारिकमिश्र ने कार्मण, ए बे योग पण न होय. शेष नव योग होय. अने मीसी के त्रीजे मिश्रगुणगणे सविना के० ते पूर्वोक्त नव योगने वैक्रिय सहित करीयें, तेवारें दश योग होय. जेनणी देवता तथा नारकीने पण मिश्रगुणगणुं होय तेथी तेने वैक्रिययोग पण होय. तथा देसे के० देशविरति नामें पांचमें गुणगणे सविनविपुग के० पूर्वोक्त नव योगने वैक्रियधिक सहित करीयें, तेवारें अगीयार योग होय, तिहां एक वैक्रिय अने बीजो वैक्रिय मिश्र, ए बे योग लब्धिप्रत्यय होय, तेजणी मनोयोग चार, वचनयोग चार, औदारिकयोग एक, अने वैक्रिययोग बे, एवं अगीवार योग होय ॥ इति समुच्चयार्थः ॥ ४ ॥ सादारजग पमत्ते, ते विनवादार मीस विणु श्अरे ॥ कम्मुर खड्गंताश्म, मण वयण सजोगिन अजोगि॥५०॥ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.002168
Book TitlePrakarana Ratnakar Part 4
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBhimsinh Manek Shravak Mumbai
PublisherShravak Bhimsinh Manek
Publication Year1912
Total Pages896
LanguageHindi, Gujarati
ClassificationBook_Devnagari & Literature
File Size27 MB
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