SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 126
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ वीरस्तुतिरूप ढुंडीनुं स्तवन स्तवतां थकां में समकित दृढ करा. एटले कदापि काले चलं नहीं. एम करीने थागमनी टेक रावी ॥ इति गाथार्थ ॥ २३ ॥ आणा ताहरीरे जो में शिरधरी ॥ तो शुंकुमतिनुं जोर॥तिहां नवि पसरेरे बल विषधरतणुं ॥ किंगारे ज्यदां मोर ॥ स० ॥२४॥ अर्थः-तमारी श्राझा जो में मस्तके धरी तो कुमति कदाग्रहीतुं हुं जोर चाले? ते दृष्टांते दृढ करेले. त्यां विषधर जे सर्प-तेनुं बल विस्तार न पामे के ज्यां मोर किंगारे के केकारे शब्द करे. ॥ इति गाथार्थ ॥ २४ ॥ पवित्र करीजेरे जीदा तुज गुणे॥ शिर धरीए तुज आण ॥ दिल यो कहीएरे प्रनु न विसारीए॥लहीए सुजश कल्याण ॥स॥५॥ अर्थः- तमारा गुण गाइने जीव्हा पवित्र करीए अने मस्तके तमारी आझा धरीए. एटले आझाए मस्तक पवित्र करे. दिलथी प्रनुने कदीए विसारीए नहीं. ए रीते रुदय पवित्र करीए. एम करतां सुजश कल्याण पामीए एटले नला यशरूप कल्याण पामीए. एमां कर्ताए पोतानुं जशोविजय एवं जे नाम-ते पण सूचव्यु.॥२५॥ कलश ॥ राग धनाश्री ॥ वर्तमान शासननो स्वामि ॥ चा मीकरसम देदोजी॥ वीरजिनेश्वर में एम युणिन ॥ मन धरी धर्म सनेहोजी॥एह तवन जे नणशे गणशे॥तस घर मंगल मालाज॥ समकितनाण होशे घट तेदने ॥ परगट काक जमालाजी ॥१॥ अर्थः-वर्तमान शासनना धणी श्रीवीरस्वामि, चामीकर के सोना सरखी जेमनी कायाले एवा श्रीवीरस्वामि, जिनेश्वरके छ सामान्यकेवलीमा इश्वर एटले तीर्थकरप्रते स्तव्यो. मनमां धर्मस्नेह आणी. नक्ति माटे एकवचन. ए स्तवन जे प्राणी जण शे नणीनेगणशे; तेहने घरमां मंगलीकनी माला थशे. तेहना घटनेविषे प्रगटपणे जाकफमाल करतो यको, सम्यक्त्वरूप सूर्य प्रगट थाशे. ॥ १ ॥ अरथ एदना ने अति सूदम ॥ ते धारो गुरु पासेजी ॥ गुरुनी से वा करतां लदीए ॥ अनुनव नित्य अभ्यासेजी ॥ जेद बढुश्रुत गुरु गीतारथ ॥ आगमना अनुसारीजी ॥ तेदने पूरी संशय टा लो॥ ए दित शिख ने सारी जी॥२॥ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.002167
Book TitlePrakarana Ratnakar Part 3
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBhimsinh Manek Shravak Mumbai
PublisherShravak Bhimsinh Manek
Publication Year
Total Pages272
LanguageHindi, Gujarati
ClassificationBook_Devnagari & Literature
File Size18 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy