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श्री समयसारनाटक.
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अर्थः- जे ज्ञान सागरना मध्यभागनेविषे निरंतर अनंत द्रव्य पदार्थ जासी रह्या बे, पण ते द्रव्यनो स्वभाव पोते पामतो नथी, निर्मलमां निर्मल एवं सुजीवन के० जी वन के जीवितव्याने समुद्र पदे सुजीवन के० पाणी ते, जेनुं प्रगट बे, अने घट में के० हृदयनेविषे श्रघट के० अक्षरस कौतुक के० सत्यार्थ वेदननो जे रस तेनुज कुतुहल करे बे, एटले ए समुद्रने विषे रस कुतुहल घृणा बे, अने जे ज्ञान समुद्रने विषे मतिज्ञान, श्रुतज्ञान, अवधिज्ञान, मनपर्यवज्ञान ने केवल ज्ञान ए पांचे ज्ञान तरं रूप बे, उमंग के० पोतपोताने ठेकाणे प्रगट थर रह्यां बे एवो ज्ञानसमुद्र ते उदार प्रधान बे, एनो अपार महिमा बे, एने विषे सर्व पदार्थ जासे बे तेथे पोते निराधार
एक स्वरूप तां ज्ञातापणामां अनेकता धरे बे ॥ ए ॥
दवे ज्ञानविना मात्र क्रियावज मोहनी प्राप्ति नथी तेनु वर्णन करे :अथ मोक्षमार्ग प्राप्ति कथनं:
॥ सवैया इकतीसाः॥ - केई क्रूर कष्ट सदै तपसों शरीर दहै, धुम्रपान करें अधो मुख व्के जुले है; केई महा व्रत गर्दै क्रियामें मगन रहें, वह मुनि जार में पयारके से पूले है; इत्यादिक जीवनको सर्वथा मुगति नांहि, फिरे जगमांहि ज्यो वयारके धुले हैं, जिनके हिये में ज्ञान तिन्हही को निरबान, करमके करतार जरम में भूले हैं ॥८॥ अर्थः- कोई अज्ञानी क्रूर कष्ट सहन करेबे ने पंचाग्नि प्रमुख तप करीने शरीर ने वाले कई अज्ञानी अग्निना धुमामानुं पान करेबे, नीचुं मुख राखी उंचा पग क रीने जुलेबे; केटलाक अज्ञानी जैन लिंग लईने पांच महाव्रत द्रव्यथी ग्रहण करेबे, ने क्रियामां मग्न रहे; ए रीते मुनिराज पणानो जार वहेबे, पण ते पयारना जेवा पूले बे, (देश जाषायें ) पयार एटले पलाल, जेना फूलने विषे कण होता नथी, तेवी रीते नि राश जाणवा; इत्यादि केवल क्रिया कलापवडे जीवने सर्वथा मुक्ति यती नथी; ते ज गत्ने विषे वयारना बघुल जेम उंचा नीचा फरी रहे बे, पण एक ठेकाणे ठरता नथी तेवा समजवा; अने जेना हृदयनेविषे ज्ञान कला जागृतरूप ईबे, तेमने निरवाण के० मोक्ष बे; अने जे कर्मना करतार एटले केवल क्रियानाज करनारा बे तो जर्म नेविषेज जूली रह्यावे. ॥ ए८ ॥
वे जे मूढ जन बेतेनी दृष्टि निश्चयमां नयी, पण व्यवहारने विषे बे, तेथी ने विषे ज्ञान वे ते कवेः - श्रथ मूढ व्यवस्था वर्णनं:
॥ दोहा ॥ - लीन जयो विवहार में, उकति न उपजै कोइ; दीन नयो प्रभु पद जपै, मुकति कहांसों दोइ ॥ ए॥
कार्थ :- जे व्यवहारमां लीन थई रह्यो होय एटले मन थइ रह्यो होय, तेने कोई
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