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श्री समयसारनाटक.
एए शिष्ये पुज्युं के जीव व्यथी नव तत्त्व अने पंच अव्य जुदा केम जाणीए तेनो उत्तर गुरु कहेजेः- श्रथ जीवप्रव्य व्यवस्था अग्नि दृष्टांत.
॥सवैया श्कतीसाः॥-जैसै तृन काठ बांस आरनै श्त्यादि और, इंधन अनेक विध पा वकमें दहिये; थाकृति बिलोकत कहावै आगि नानारूप, दीशै एक दाहक सुत्नान जब गहिवे; तैसै नव तत्वमें नयो है बहु नेखी जीव, शुद्धरूप मिश्रित अशुद्धरूप कहिये; जाही बिन चेतना शकतिको बिचार कीजै, ताही बिन अलख बन्नेदरूप लहिये.॥५॥ __ अर्थः-जेम अग्निमां तृण, काठ, वांस अने पारनै के० वननो बीजो कचरो इत्यादि क अनेक तरेहना इंधण बालीये श्येने जेवी जेवी इंधननी श्राकृति एटले (श्राकार) तेवी तेवी श्राकृतिनो अग्नी देखाय; ए रीते अग्नि नाना प्रकारना रूपनो कहेवायचे; पण ते बधा अग्निनो स्वन्नाव एक सरखो दाहक बे; एम जो ग्रहण करिये तो बधो अग्नि एकरूप ले. तेमज नव तत्त्वमां जीव जेडे ते नातनातना नेष धारी रह्यो डे माटे जीव पण बहु वेशी के० नाना प्रकारनो थयो एटले शुरूप जीव , ते मि श्रित थयो, त्यारे ए जीवने अशुरूप कह्यो एनुं नाम व्यवहार नय ; श्रने जे द णमां नवे तत्वमा एक चेतना शक्ति विचारिये, ते वखते शुफ निश्चयनये केवलीवडे नव तत्त्वनो प्रपंच अमुख्य राखीने अलक्षरूप जीन , ते सर्वत्र ते अनेदरूप पामिये शुफ निश्चय नय जाणवो ॥ एए॥ फरी बीजी रीते शुद्धजीव व्यवस्था कहे, अथजीव व्यवस्था बनवारी दृष्टांतः
॥सवैया श्कतीसाः॥-जैसे बनवारीमें कुधातुके मिलाप हेम, नाना नांति नयो पै तथापि एक नाम है, कसिके कसोटी लीक निरखै सराफ तांही, बानके प्रमान क रिलेतु देतु दाम है; तैसैही अनादि पुजलसों संयोगी जीव, नव तत्वरूपमें अरूपी महा धाम है; दीशे उनमानसौ उद्योत बान गेर गैर, दूसरो न और एक श्रा तमाहि राम है ॥ ६० ॥
अर्थः-जेम सोनानी मूसमां चोखू सोनुं गाद्युं थने सोनाथी हीण धातु ते कुधा तु कहिये, तेनां नाम कहे;-रूपुं, त्रांचं, सीसु, जसत, कथीर, इत्यादि वस्तुनो जु दोजुदो हेमनी साथे मिलाप थयो तेथी जुदी जुदी जातनुं सोनुं थयुं, ते बतां एक सोनाने नामे श्रोलखाय; अने ते अशुभ सोनाने सराफ कसोटी पथ्थर उपर क सीने तेनी लकीर जुये ने तेउपरथी सोनुं केवु दे ते प्रमाण करे, जेम था दस रु पीयाना जावन बे ने श्रा अगीयार रुपीयाना जावनुं बे, ने ते माफक तेना दाम आपे लिए बे, तेमज अनादि कालश्री ए जीव पुनल अव्यनो संयोगी माटे ए जीवे नव तत्त्वरूप व्यवस्था धारी, गतिपणे, स्थितिपणे, नाजनपणे, वर्तमानपणे, श्राधारपणे,
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