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________________ षष्ठ अध्याय : यक्ष-यक्षी - प्रतिमाविज्ञान सप्तम अध्याय : निष्कर्ष परिशिष्ट सामान्य विकास १५४, साहित्यिक साक्ष्य १५४, मूर्तिगत साक्ष्य १५८, सामूहिक अंकन १६०, गोमुख १६२, चक्रेश्वरी १६६, महायक्ष १७३, अजिता या रोहिणी १७४, त्रिमुख १७६, दुरिता या प्रज्ञप्ति १७७, ईश्वर या यक्षेश्वर १७८, कालिका या वज्रशृंखला १७९, तुम्बरु १८०, महाकाली या पुरुषदत्ता १८१, कुसुम १८२, अच्युता या मनोवेगा १८३, मातंग १८४, शान्ता या काली १८५, विजय या श्याम १८६, भृकुटि या ज्वालामालिनी १८७, अजित १८९, सुतारा या महाकाली १९०, ब्रह्म १९०, अशोका या मानवी १९१, ईश्वर १९३, मानवी या गौरी १९४, कुमार १९५, चण्डा या गांधारी १९६, षण्मुख या चतुर्मुख १९७, विदिता या वैरोटी १९८, पाताल १९९, अंकुशा या अनन्तमती २००, किन्नर २०१, कन्दर्पा या मानसी २०२, गरुड २०३, निर्वाणी या महामानसी २०५, गन्धर्व २०७, बला या जया २०८, यक्षेन्द्र या खेन्द्र २०९, धारणी या तारावती २१०, कुबेर २११, वैरोट्या या अपराजिता २१२, वरुण २१३, नरदत्ता या बहुरूपिणी २१४, भृकुटि २१६, गान्धारी या चामुण्डा २१७, पद्मावती २३५, मातंग २४२, गोमेध २१८, अम्बिका या कुष्माण्डी २२२, पार्श्व या धरण २३२, सिद्धायिका या सिद्धायिनी २४४ सन्दर्भ-सूची चित्र-सूची List of Illustrations शब्दानुक्रमणिका चित्रावली (vi) Jain Education International १५४- २४७ For Private & Personal Use Only २४८-५३ २५४-६७ २६८-८८ २८९-९१ २९२-९९ ३००-१६ १-७९ www.jainelibrary.org
SR No.002137
Book TitleJain Pratimavigyan
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMaruti Nandan Prasad Tiwari
PublisherParshwanath Shodhpith Varanasi
Publication Year1981
Total Pages370
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & Culture
File Size13 MB
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