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विषय-प्रवेश : ५
क्र० सं०
राज्य एवं भुक्ति
राजधानी
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मगध अंग बंग कलिंग काशी कोशल कुरु कुशात ( कुसहा ) पंचाल जंगल सौराष्ट्र विदेह वच्छ ( वत्स) शाण्डिल्य
राजगृह चम्पा तामलिति ( ताम्रलिप्ति) कांचनपुर ( कचणपुर) वाराणसी (बनारस) साकेत गजपुर ( हस्तिनापुर) सोरिय (शौरिपुर) कपिल्लपुर (काम्पिल्यपुर) अहिछता चोरवाड़ (द्वारवती) मिहिला (मिथिला) कोशाम्बी नन्दिपुर भट्टिलपुर वेराड अच्छा मृतिकावतो सुत्तिवई (शुक्ति) वीइ-भय (वीतिभय) महुरा ( मथुरा) पावा ( पापा) मासपुरी सावत्थी (श्रावस्ती) कोडिवरिस ( कोटिवर्ष)
मलय
व (म) च्छ (मत्स) वरणा दशण्ण ( दशार्ण) चेदि सिन्धु-सोवरी
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सूरसेन
भंगि पुरिवट्टा कुणाला लाट
२५३ केगइ अद्ध केकयी अर्ध सेयविया उपयुक्त तालिका सूचित करती है कि परवर्ती मौर्ययुग के अधिकांश प्राचीन नगर नष्ट हो चुके थे तथा उनके स्थान पर नवीन नगरों का निर्माण हो चुका था । इसमें कपिलवस्तु का नाम लुप्त है। विदेह की राजधानी मिथिला अर्थात् जनकपुरी अंकित है । परन्तु मगध की मौर्य
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