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विषय-सूची प्रथम अध्याय : विषय-प्रवेश
१-६ पावा व्युत्पत्ति १, पावा-महत्ता २, पावा-पतन ४ द्वितीय अध्यायः साहित्यिक साक्ष्य
७-२७ जैन साहित्य में पावा १०, बौद्ध साहित्य में पावा १९ तृतीय अध्याय : मल्लराष्ट्र
२८-६५ मल्ल शब्द व्युत्पत्ति २८, मल्लराष्ट्र प्रारबद्ध युग ३० बुद्धयुग ३४, भौगोलिक स्थिति ३६, कोशल राज्य ३६, शाक्यदेश ३६, कोलिय राज्य ३६, मोरिय राज्य ३६, मगधराज्य ३७, मल्लराज्य ३७, वज्जिसंघ ३८, गणतन्त्र के रूप में मल्लराज्य, ४०, मल्लराष्ट्र की शासन प्रणाली ४०, संस्थागार ४३, कार्यपालिका ४३, न्यायपालिका ४४, महावीर और बुद्ध ४६, महावीर-बुद्ध देशना ५५, मल्लराष्ट्र
का पतन ५९ चतुर्थ अध्याय : पावा की अवस्थिति सम्बन्धी विभिन्न मत
पावा के रूप में पहचान वाले स्थल-पपतार ६७, पवैय्या ६७, माझा ६७, उस्मानपुर ६८, झरमठिया ६८, पपउर. ७१, सठियाँव-फाजिलनगर ७२, पावापुरी-नालन्दा ७६, पावा के रूप में पडरौना अनुशीलन ९२, पडरौना समर्थक आधुनिक विद्वानों की प्रमख कृतियाँ ९४, भौगोलिक विवेचन ९७, पावागण्डक सम्बन्ध १०३, पुरातात्त्विक सर्वेक्षण १११
प्राग्बुद्धकालीनमार्ग १३६, बुद्धकालीन मार्ग १४३ । पंचम अध्याय : पावामार्ग-अनुसंधान
१५०-१९३ वैशाली-लौरियानन्दनगढ़ राजमार्ग पर स्थापित अशोक स्तम्भ-कोल्हआ ग्राम स्तम्भ १५२, लौरिया अरेराज १५८, लौरिया नन्दन गढ़ १६१, बौद्ध साहित्य के आधार पर पावामार्ग अनुसन्धान १६७, श्रावस्ती-वैशाली मार्ग पर और उसके निकट स्थित प्रमुख नगर-लुम्बिनी १६८, कपिलवस्तु १७०, श्रावस्ती :७२, बाँसी १७५, रामग्राम १७८. पिप्पलि
वन १८०, कुशीनारा १८३, षष्ठम अध्याय : उपसंहार
१९४-२०४ परिशिष्ट २०५-२२१, संदर्भ ग्रन्थ-सूची २२२-२३४
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