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________________ १०२ : महावीर निर्वाणभूमि पावा : एक विमर्श बिहार से इस तहसील को अलग करती हैं। दक्षिण-पश्चिम में खनुवा नाला देवरिया सदर एवं पड़रौना तहसील की विभाजक रेखा है। देवरिया जनपद उत्तर प्रदेश के पूर्वोत्तर अंचल में २६°-२८° उत्तरी अक्षांश एवं ३३°-८५° अंश देशान्तर के मध्य स्थित है जो पहले गोरखपुर जनपद का ही अंग रहा है। गोरखपुर जनपद की स्थापना १४ जनवरी १८०२ में हुई थी। उस समय यह उत्तर प्रदेश के सबसे विशाल जनपद के रूप में प्रतिष्ठित था। प्रशासनिक सुविधा की दृष्टि से गोरखपुर जनपद के पूर्वी भाग को अलग कर १६ मार्च १९४६ में देवरिया जनपद का निर्माण किया गया, जिसके उत्तर में बिहार प्रदेश का पश्चिमी चम्पारण, पूर्व में गोपालगंज एवं सारण, दक्षिण में बलिया, आजमगढ़, पश्चिम में गोरखपुर जनपद स्थित है। पड़रौना के निकटवर्ती क्षेत्र के प्राकृतिक भूगोल के अध्ययन से ज्ञात होता है कि यहाँ का धरातल प्रायः समतल एवं नीचा है। यहाँ जलजमाव की समस्या बराबर बनी रहती है, जिसका प्रभाव उपज पर पड़ता है । हिमालय की तराई में स्थित होने के कारण जलवायु आई और नम है । ग्रीष्म ऋतु ( मई) का तापमान ४९.९° से ४०° सेंटीग्रेड तथा शरद ऋतु ( जनवरी ) का १०.८० से २०° सेंटीग्रे० के मध्य रहता है । औसत वार्षिक वर्षा १०० सेमी० से १५० सेमी० होती है। यहाँ की आर्द्रता जुलाई में ८४%, अप्रैल में ८३% तथा वायभार दिसम्बर में १००८ मिलीवार तथा जुलाई में ९९०.७ मिलीवार रहता है। प्राचीन काल से ही यह क्षेत्र वनाच्छादित रहता है। यहाँ के आम, कटहल, लीची प्रसिद्ध हैं। गन्ना यहाँ की प्रमुख पैदावार है, जिसके कारण पड़रौना तहसील में ३ चीनी मिले २०वीं सदी के आरम्भ से ही स्थापित हैं। यहाँ उपजाऊ भूमि होने के कारण सभी प्रकार की फसलें उगाई जाती हैं। कच्चे माल की उपलब्धि, पक्के माल की खपत के कारण यह व्यापारिक एवं औद्योगिक केन्द्र रहा है। __ पड़रौना से गोरखपुर दक्षिण-पश्चिम दिशा में ७२ किलोमीटर पर स्थित है, जो पूर्वोत्तर रेलवे ( मीटरगेज ) तथा परिवहन मार्ग से जुड़ा हुआ है । गोरखपुर-सीवान ( सारण जनपद, उत्तर-पश्चिम बिहार प्रदेश) लूप लाइन पड़रौना से होकर जाती है। पड़रौना, गोरखपुर तथा सीवान से क्रमशः ७२ कि०मी० तथा ८६ कि०मी० दूरी पर स्थित है। पड़रौना से १. सं० डगलसदेवर, हैण्डबुक प्रीक्यूटीनी रिकार्ड गवर्नमेण्ट यू० पी०, पृ० १११, गवर्नमेण्ट प्रिण्टिग प्रेस, इलाहाबाद । Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.002135
Book TitleMahavira Nirvan Bhumi Pava Ek Vimarsh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBhagwati Prasad Khetan
PublisherParshwanath Shodhpith Varanasi
Publication Year1992
Total Pages268
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & History
File Size12 MB
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