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यशस्तिलककालीन सामाजिक जीवन
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१९. करपत्र
करपत्र दाँते बनी हुई लोहे की लम्बी पत्ती होती है, जिसे आजकल करौंत कहा जाता है। करपत्र या करौंत छोटी-बड़ी अनेक प्रकार की होती है और लकड़ी चीरने के काम में आती है। सोमदेव ने दन्तपंक्ति को करपत्र की उपमा दी है।
२०. गदा
गदा का भी एक बार उल्लेख है । सोमदेव ने गदा चलाने में कुशल योद्धा को गदाविद्याधर कहा है । गदाविद्याधर गदा को घुमाता हुआ कहता है कि हे दूत, जाकर अपने स्वामी से कह दे कि हमारे सम्राट से दो-तीन दिन में ही आकर मिल ले, अन्यथा गदा से सिर फोड़ दूंगा।"
गदा एक प्रकार का मोटा और भारी डण्डानुमा हथियार होता था। शिल्प और कला में इसके अनेक प्रकार मिलते हैं।" भारतीय साहित्य में बलराम, भीम और दुर्योधन गदा के उत्कृष्ट चलाने वाले माने जाते हैं । विष्णु के भी शंख, चक्र और कमल के अतिरिक्त एक हाथ में गदा का अंकन मिलता है। गदा का निशाना प्रायः सिर को बनाया जाता था जिससे सिर चूर-चूर हो जाये ।”
सोमदेव के वर्णन से स्पष्ट है कि गदा को जोर से घुमाकर फेंका जाता था। गदा को बार-बार घुमाने से हवा का जो तीव्र वेग होता, उससे हाथी भी भागने लगते । २१. दुस्फोट ' दुस्फोट का उल्लेख चण्डमारी देवी के मन्दिर के प्रसंग में हुआ है । संस्कृत
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८८. सा दन्तपंक्तिः करपत्रवक्त्रश्यामच्छविः । पृ० १२३ ८६. गदाविद्याधरः सगर्व गदामुत्तम्भयन् । -पृ० ५६२ १०. दूतैवं विनिवेदयात्मविभने द्विदिनैर्मत्प्रभु,
पश्यागत्य यदि श्रियस्तव मता नो चेदियं दास्यति । भ्रान्त्यावृत्तिविजृम्भितानिलबलोत्तालीकृताशागजाः,
मूर्धानं झटिति स्फुटच्छलबलं त्वत्कं मदीयं गदा ॥-पृ० ५६२ ११. शिवराममूर्ति-अमरावती स्कल्पचर्स, पृ० १२६ १२. वही, पृ० १२६ १३. देखो, फुटनोट संख्या १० १४. यमावासप्रवेशपरप्रासपट्टिसदुःस्फोट !-पृ० १४५
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