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सन् १९४७ में भारत-पाकिस्तान के विभाजन के समय पाकिस्तान से जैन मुनियों को लाने के वास्ते आप ने खास तौर से चार्टर्ड वायुयान भेजा था।
सेठ श्री की धर्मपत्नी श्रीमती कस्तूरबाई धार्मिक कार्यों में सेठ सा० को सहयोग देती थीं। तीन पुत्र और दो पुत्रियों को छोड़कर सं० १९८० में कस्तूरबाई का स्वर्गवास हो गया। सेठ साहब ने नई शादी की। नई धर्मपत्नी भी धार्मिक वृत्ति वाली थीं। सन् १९४२ में इनका भी स्वर्गवास हो गया।
__सन् १९४८ में सेठ सा० को लकवा हो गया। अनेक उपायों के बावजूद भी विशेष सुधार नहीं हो सका। सन् १९५९ में सेठ सा० देवलाली वायु-परिवर्तन हेतु गये थे। वहीं ६ जनवरी १९५९ को सेठ सा० का स्वर्गवास हो गया। ___ सेठ सा० के व्यवसाय को उनके पुत्रों में से तीसरे सुपुत्र श्री धीरजलाल भाई सँभाल रहे हैं। सेठ सा० के तीनों पुत्र भी अपनी धार्मिक वृत्ति से सेठ छोटालाल भाई की स्मृति-सौरभ में वृद्धि कर रहे हैं ।
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