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________________ उपासकदशांग की विषयवस्तुं और विशेषताएँ पत्नी की प्रेरणा-इस कोलाहल को सुनकर धन्या नाम की उसकी पत्नी वहाँ आई और पूछा-आप इस तरह से क्यों चिल्ला रहे हैं ? सम्पूर्ण वृत्तान्त सुनने पर धन्या ने कहा कि आपके सभी पुत्र सकुशल हैं। यह तो देवताजन्य उपसर्ग था जिससे भयभीत होकर आपने अपना व्रत खण्डित कर लिया, इसलिए अब आपको प्रायश्चित्त करके दोषमुक्त होना चाहिए। यह सुनकर सुरादेव ने प्रायश्चित्त किया और पुनः धर्माराधना में संलग्न हो गया। देवलोकगमन-सुरादेव ने बीस वर्ष तक धर्माराधना करते हुए श्रावक धर्म का पालन किया । ग्यारह प्रतिमाओं को ग्रहण किया व एक मास की सल्लेखना ग्रहण कर समाधिपूर्वक देह त्याग किया तथा सौधर्म देवलोक में अरुणाभ विमान में देवरूप में उत्पन्न हुआ। ५. चुल्लशतक __ महावीर के समय उत्तरभारत में आलभिका नाम की नगरी थी, नगरी के पास शंखवन नामक उद्यान था। उस नगरी में चुल्लशतक नाम का एक गाथापति रहता था। उसके पास भी छः करोड़ स्वर्ण खजाने में, छः करोड़ व्यापार में और छः करोड़ घर के वैभव में लगे हुये थे। उसके पास दस-दस हजार गायों वाले छः गोकुल थे। इस प्रकार चल्लशतक भी समृद्धि से युक्त था। ग्रामानुग्राम विचरण करते हुए एक बार भगवान महावीर आलभिका नगरी पधारे । चल्लशतक दर्शनार्थ गया और उपदेशों से प्रभावित होकर श्रावक-धर्म को अंगीकार किया। उपसर्ग-एक रात्रि साधनाकाल के अनन्तर एक देव तलवार लेकर प्रौषधशाला में आया और कहने लगा, हे श्रमणोपासक ! यदि तू शिलादि व्रतों को नहीं छोड़ेगा तो तेरे पुत्रों के टुकड़े-टुकड़े कर दूंगा एवं रुधिर से तेरे ऊपर छिड़काव करूँगा। इस पर चुल्लशतक शान्त रहा। तब देव ने चौथी बार कहा-हे चुल्लशतक ! यदि अब भी तूने व्रतों को नहीं छोड़ा तो तुम्हारी सब धन-सम्पत्ति को आलभिका की सड़कों व चौराहों पर बिखेर दूंगा जिससे तू दरिद्र हो जायगा और उससे दुःखी होकर मर जायेगा। वतों से पतन व पुनःस्थापन-दो-चार बार इस प्रकार कहने पर चुल्लशतक ने सोचा कि धन है तो सब कुछ है, धन के बिना कुछ भी नहीं Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.002128
Book TitleUpasakdashanga aur uska Shravakachar
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSubhash Kothari
PublisherAgam Ahimsa Samta Evam Prakrit Samsthan
Publication Year1988
Total Pages258
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Agam, & Canon
File Size9 MB
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