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आगम साहित्य और उपासकदशांग
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(ग) तत्त्वार्थ सूत्रवृत्ति में दिगम्बर मतानुसार आगमों का वर्गीकरण इस प्रकार किया है :
अंगप्रविष्ठ
'
आचार
सूत्रकृत
स्थान
समवाय
व्याख्याप्रज्ञप्ति
ज्ञाताधर्मकथा
उपासकदशा
अन्तकृत् दशा अनुत्तरोपपातिकदशा
प्रश्नव्याकरण
विपाक
दृष्टिवाद
।
परिकर्म
1 चन्द्रप्रज्ञाप्ति
सूर्यप्रज्ञप्ति जम्बूद्वीपप्रज्ञाप्ति द्वीपसागरप्रज्ञप्ति
व्याख्याप्रज्ञप्ति
सूत्र
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आगम
I
१. तत्त्वार्थ सूत्र - श्रुतसागरीवृत्ति, १/२०
२
1
अंगबाह्य
|
सामायिक चतुर्विंशति-स्तव
वन्दना प्रतिक्रमण
वैनयिक कृतिकर्म दशवेकालिक
उत्तराध्ययन
कल्पव्यवहार
कल्पाकल्प
महाकल्प
पुंडरोक
महापुंडरीक
अशीतिका
|
I
प्रथमानुयोग पूर्वगत
I उत्पाद
अग्रायणीय
स्थलगता
वीर्यानुप्रवाद मायागता अस्तिनास्तिप्रवाद आकाशगता
ज्ञान प्रवाद
रूपगता
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1
चूलिका
1
जलगता
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