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मागम संस्थान ग्रन्यमाला : २
सम्पादक प्रो० सागरमल जैन
समियाए धम्मे पन्वइये
उपासकदशांग और उसका श्रावकाचार
(एक परिशीलन)
डा. सुभाष कोठारी
सम्वत्थेसु समं चरे सव्वं जगंत समयाणपेही पियमप्पियं कस्स विनोकरेज्जा सम्मत्तदंसी न करेड पाव सम्मत्त विति सया अमूदे समियाज मनि होड
आगम अहिंसा समता एवं प्राकृत संस्थान
उदयपुर mause only
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