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________________ तीर्थकर, बुद्ध और अवतार को अवधारणा : तुलनात्मक अध्ययन : २७१ करते हैं, जिस प्रकार वैष्णव धर्म में विष्णु अवतीर्ण होने के पूर्व देवताओं से परामर्श करते हैं उसी प्रकार बुद्ध के अवतीर्ण होने के पूर्व तुषित देव. लोक में देव, नाग, बोधिसत्व आदि एकत्र होते हैं। - सामान्यतया यह माना जाता है कि अवतार देवयोनि, पशुयोनि और मानवयोनि किसी में से भी सम्भव है जब कि बुद्ध केवल मनुष्य योनि में ही जन्म लेते हैं। सामान्यतया अवतार के लिए कोई जातिगत बन्धन नहीं है यद्यपि अवतारों में अधिकांशतः ब्राह्मण और क्षत्रियवंश से सम्बन्धित हैं। बुद्ध भी तो ब्राह्मण और क्षत्रिय वंश में जन्म लेते हैं। इस प्रकार इस सम्बन्ध में अवतार और बुद्ध में आंशिक समानता मानो जा सकती है । ललितविस्तर में यह भी माना गया है कि बुद्ध जम्बूद्वीप के मध्यदेश में योग्य वंश का चनाव कर ही जन्म लेते हैं।२ यद्यपि अवतार के सम्बन्ध में हमें ऐसा कोई नियम देखने को नहीं मिलता है। इन सब आधारों पर हम यह कह सकते हैं कि बुद्ध और अवतार की अवधारणाओं में काफी साम्य है, वे एक दूसरे से प्रभावित हुई हैं। महायान की बुद्ध सम्बन्धी अवधारणा तो निश्चय ही वैष्णव धर्म से प्रभावित है। १३. उत्तरकालोन बुद्ध को अवधारणा और अवतारवाद से उसकी समानता जिस प्रकार बौद्ध धर्म में बुद्ध पद-चिह्नों की पूजा की जाती है. उसो प्रकार हिन्दू परम्परा में विष्णु पद को पूजा की जाती है। सद्धर्मपुण्डरीक में तथागत बुद्ध के लिए सर्वत्र भगवान् शब्द का प्रयोग किया गया है, कहीं-कहीं उन्हें पुरुषोत्तम शब्द से भी अभिहित किया गया है। ललितविस्तर में विष्णु और नारायण शब्द का भी उल्लेख मिलता है। उसमें शक्र, ब्रह्मा, महेश्वर एवं सभी देवसमूहों को बुद्ध का उपासक बताया गया है तथा बुद्ध को नारायण कहा गया है।' पुनः २६वें अध्याय में उन्हें महानारायण भी कहा गया है। साथ ही उन्हें नारायण के सदृश्य शक्ति १ ललितविस्तर, पृ० ३७ २. वही, पृ० ७५ ३. सद्धर्मपुण्डरोक, पृ० १६; ४६ ४. ललितविस्तर (अनुवाद), पृ० १०० ५. वही, पृ० १०४, १०९, १४० ६. वही, पृ० ५६. Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.002127
Book TitleTirthankar Buddha aur Avtar
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRameshchandra Gupta
PublisherParshwanath Shodhpith Varanasi
Publication Year1988
Total Pages376
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & Philosophy
File Size14 MB
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