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________________ अवतार को अवधारणा : १७७ जैन साहित्य में “अवतार" शब्द के ही प्राकृत एवं अपभ्रंश रूप प्रचलित रहे हैं । जैन ग्रन्थों में अवइण्णु ( अवतीर्ण हुए ) एवं “पयंडगउ" (प्रकट शरीरा) शब्द प्रयुक्त हए हैं। यहाँ इन शब्दों का अर्थ जन्म ग्रहण अथवा स्वर्ग से अवतरण से है, किन्तु इन्हें 'अवतार' का पर्यायवाची नहीं माना जा सकता, क्योंकि जैन दर्शन ईश्वर के अवतरण के अर्थ में अवतारवाद नहीं मानता है। २. अवतार शब्द का सामान्य तात्पर्य विष्णु के अवतार एनीबेसेन्ट, अरविन्द, डॉ. राधाकृष्णन् आदि ने अवतारवाद पर विचार करते हुये अवतार का शाब्दिक अर्थ ईश्वर के अवतरण से ही माना है। हिन्दू परम्परा में इस अवतरण का अर्थ किसी सामान्य व्यक्ति के अवतरण या जन्म से न होकर विष्णु अर्थात् ईश्वर के अवतरण से है। जबकि जैन और बौद्ध परम्पराओं में अवतरण शब्द व्यक्ति के बोधिसत्व, बुद्ध या तीर्थंकर के रूप में जन्म लेने को सूचित करता है, यहाँ अवतरण शब्द भी विकास का ही सूचक है। मूलतः जैन और बौद्ध परम्परायें अवतारवाद के स्थान पर उत्तारवाद की सूचक हैं, जबकि वैदिक परम्परा विशेष रूप में अवतारवाद की सूचक है। विष्णु के जन्म लेने का विवरण वैदिक साहित्य में विरल या नगण्य ही है, किन्तु जिन उपादानों से पौराणिक विष्णु एवं उनके अवतारों की अवधारणा का विकास हुआ उनमें से अधिकांश का सम्बन्ध विष्णु की अपेक्षा इन्द्र और प्रजापति से अधिक रहा है। कालान्तर में सर्वश्रेष्ठ होने पर उन सभी को विष्णु पर आरोपित किया गया । वैदिक विष्णु प्रारम्भ में अन्य देवों के समतुल्य थे, फिर वे कुछ विशेषताओं के कारण महान् एवं सर्वश्रेष्ठ बन गये और अवतरण की सारी कथायें उनके साथ जोड़ी जाने लगी । इस प्रकार अवतार शब्द विष्णु के अवतार का पर्यायवाची बन गया। अतः अवतार की अवधारणा को स्पष्ट करते समय हमें विष्णु की अवधारणा को भी समझ लेना होगा। १. पउमचरिउ (स्वयंभू), भाग १,-१।१६।५; हरिवंशपुराण ९२१३ २. दी मैसेज आफ गोता, पृ० ७०, अवतार, पृ० ९, दि भगवद्गीता, (डॉ. राधाकृष्णन्) पृ० ३४ १२ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.002127
Book TitleTirthankar Buddha aur Avtar
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRameshchandra Gupta
PublisherParshwanath Shodhpith Varanasi
Publication Year1988
Total Pages376
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & Philosophy
File Size14 MB
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