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२७८ : जैनधर्म की प्रमुख साध्वियां एवं महिलाएँ सेवाभावी साध्वियाँ हुई। उनकी परम्परा में सरल मूर्ति साध्वी सीताजी, गवराजी आदि विद्यमान हैं।
इस प्रकार आचार्यश्री अमरसिंहजी महाराज के समय से महासती भागाजी को जो साध्वी परम्परा चली उस परम्परा में आज तक ग्यारह सौ से भी अधिक साध्वियाँ हुई हैं । किन्तु इतिहास-लेखन के प्रति उपेक्षा होने से उनके सम्बन्ध में बहुत कम जानकारी प्राप्त है। इन सैकड़ों साध्वियों में बहुत सी साध्वियाँ उत्कृष्ट तपस्विनियाँ रहीं । अनेक साध्वियाँ बड़ी ही प्रतिभाशालिनी थीं।
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