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________________ २४२ : जैनधर्म की प्रमुख साध्वियाँ एवं महिलाएँ सुन्दरी और धर्मसुन्दरी को साध्वी दीक्षा प्रदान की।' वि० सं० १२८५ ज्येष्ठ सुदी द्वितीया को बीजापुर में ही उदयश्री ने भगवती दीक्षा ग्रहण की।२ वि० सं० १२८७ फाल्गुन सुदी ५ को पालनपुर में कुलश्री और प्रमोदश्री साध्वी संघ में सम्मिलित हुईं। वि० सं० १२८८ भाद्रपद सुदी १० को आचार्यश्री ने जावालिपुर में स्तुपध्वज की प्रतिष्ठा की।४ इसी वर्ष इसी नगरी में पौष शुक्ल एकादशी को धर्ममति, विनयमति, विद्यामति और चारित्रमति खरतरगच्छीय श्रमणीसंघ में दीक्षित की गई। वि० सं० १२८९ ज्येष्ठ सुदी १२ को चित्तौड़ राजीमती, हेमावली, कनकावली, रत्नावली और मुक्तावली को आचार्यश्रीने प्रव्रज्या दी । चित्तौड़ में इसी वर्ष आषाढ वदी २ को आचार्यश्री ने ऋषभनाथ, नेमिनाथ और पार्श्वनाथ के नवनिर्मित जिनालयों में प्रतिमाओं की प्रतिष्ठा की। वि० सं० १२९१ वैशाख सुदी १० को जावालिपुर में शीलसुन्दरी और चन्दनसुन्दरी ने प्रवज्या ली। वि० सं० १३०९ मार्गशीर्ष शुक्ल द्वादशी को मुक्तिसुन्दरी को साध्वी दीक्षा दी गयी ।' वि० सं० १३१३ फाल्गुन सुदी चतुर्दशो को जावालिपुर में जयलक्ष्मी, कल्याणनिधि, प्रमोदलक्ष्मी और गच्छवृद्धि इन वार नारियों को श्रमणी दीक्षा दी गयी ।१० वि० सं० १३१५ आषाढ़ सुदी १० को पालनपुर में बुद्धिसमृद्धि, ऋद्धिसमृद्धि, ऋद्धिसुन्दरी और रत्नसुन्दरी को आचार्यश्री द्वारा साध्वी दीक्षा दी गयी।११ वि० सं० १३१६ माघ सुदी चतुर्दशी को जालौर में आचार्यश्री ने प्रवर्तिनी पद पर प्रतिष्ठित किया ।२ वि० सं० १३१९ माघ वदि पंचमी को विजयश्री तथा वि० सं० १३२१ फाल्गुन सुदी २ को चित्त समाधि एवं शान्तिसमाधि को पालनपुर में आचार्यश्री के हाथों साध्वी दीक्षा प्रदान की गई।१३ विक्रमपुर में वि० सं० १३२२ माघ सुदी चतुर्दशी को मुक्तिवल्लभा, नेमिवल्लभा, मंगलनिधि और प्रियदर्शना तथा वि० सं० १३२३ वैशाख सुदी को वीरसुन्दरी १. खरतरगच्छ बृहद्गुबर्बालो पृ० ४४ २. वही पृ० ४४ ३. वही पृ० ४४ ४. वही पृ० ४४ ५. वही पृ० ४४ ६. वही पृ० ४९ ७. वही पृ० ४९ ८. वही पृ० ४९ ९. वही पृ० ५० १०. वही पृ० ५१ ११. वही पृ० ५१ १२. वही पृ० ५१ १३. वही पृ० ५२ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.002126
Book TitleJain Dharma ki Pramukh Sadhviya evam Mahilaye
Original Sutra AuthorN/A
AuthorHirabai Boradiya
PublisherParshwanath Shodhpith Varanasi
Publication Year1991
Total Pages388
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Biography, History, & Religion
File Size16 MB
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