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________________ २३४ : जैनधर्म की प्रमुख साध्वियाँ एवं महिलाएँ समन्तभद्र जी महाराज से आर्यिका के महाव्रतों के साथ सुप्रभामती संज्ञा को प्राप्त कर जीवन का सर्वस्व प्राप्त कर लिया। आर्यिका इन्दुमती और भ० सुपार्श्वमती के साथ ज्ञान की अभिवृद्धि करने में लीन हैं । आर्यिका सुरत्नमती माता जी आपका जन्म पन्ना मण्डल के गुनौर नामक ग्राम में १९/४/१९५६ ई० के दिन गोलालारीय श्री बेनीप्रसाद जैनकी धर्मपत्नी श्रीमती कमलाबाई की कुक्षि से हुआ था । बाल्यावस्था का नाम सुधा है । सुधा के पाँच भाई और एक बहिन है । इन्हीं के भाई क्षु० सुरत्नसागर महाराज हैं । बालब्रह्मचारिणी सुधा जैन ने आचार्य धर्मसागर महाराज से ५ फरवरी १९७६ के दिन मुजफ्फरनगर के भव्य समारोह में आर्यिका दीक्षा ग्रहण की थी । महाराजश्री से सुरत्नमती अभिधान रूप अलंकरण को ग्रहण कर लक्ष्यरूप कर्तव्य मार्ग पर आरूढ़ होकर आप अपनी स्त्रीपर्याय के. उच्छेद में संलग्न हैं । आर्यिका सुशीलमती जी मानव के अन्दर ज्ञान नामक जो चेतनाशील तत्त्व है, उसको तुलना संसार की किसी भी वस्तु से नहीं हो सकती है । अतएव अतुलनीय उस ज्ञान की प्राप्ति हेतु मस्तापुर ( म०प्र०) निवासी श्री मोहनलाल एवं गंगादेवी की सुपुत्री तथा गदयाना वाले श्री धर्मचन्द्र जैन की धर्मपत्नी काशीबाई ( जन्म सं० १९७३) ने गृहस्थ जीवन के परित्याग का दृढ़ निश्चय किया । निश्चय के फलस्वरूप सं० २००९ में घर छोड़कर आचार्य शिवसागर से पपौरा में ब्रह्मचर्य व्रत लिया । अनन्तर इन्हीं आचार्यप्रवर से २०२२ में श्री महावीर की पावनभूमि में क्षुल्लिका और कतिपय दिनों के व्यतीत होने पर कोटा में आर्यिका दीक्षा ग्रहण कर अपने जीवन को कृतार्थ किया । ज्ञान और चारित्र से समन्वित स्वयं को सन्मार्ग में लगाये हुए हैं । आर्यिका सूर्यमती माताजी अज्ञानरूपी तिमिर से आच्छादित चक्षुओं को ज्ञानाञ्जन की शलाका से उन्मीलित करने वाला एक मात्र गुरु होता है । ऐसे गुरुवर्य आचार्यश्री १०८ विमलसागर महाराज ने बुढ़ार (विलासपुर) निवासी श्री विशाललाल जैन एवं श्रीमती ललिताबाई जैन की सुपुत्री ब्रह्मचारिणी गेन्दाबाई को Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.002126
Book TitleJain Dharma ki Pramukh Sadhviya evam Mahilaye
Original Sutra AuthorN/A
AuthorHirabai Boradiya
PublisherParshwanath Shodhpith Varanasi
Publication Year1991
Total Pages388
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Biography, History, & Religion
File Size16 MB
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