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________________ (१४) चौधरी, प्रोफेसर, नवनालन्दा महाबिहार का मैं हृदय से कृतज्ञ हूँ जिनके आशीर्वाद मुझे हमेशा ही मिलते रहे हैं। राष्ट्रसन्त उपाध्याय श्री अमरचन्द्र जी महाराज एवं डॉ. सतकारी सुकर्जी, भू० पू० अध्यक्ष नवनालन्दा महाबिहार, ने मेरी पुस्तक पर अपने महत्त्वपूर्ण अभिमत देकर मुझ पर असीम कृपा की है। इसके लिए मैं इनका विशेष आभारी हूँ । पार्श्वनाथ विद्याश्रम शोध संस्थान के प्राण आदरणीय लाला हरजस राय जैन की सहानुभूति मुझे हमेशा ही प्राप्त रही है । श्रीमती मनोरमा मेहता से मुझे हमेशा ही पारिवारिक स्नेह मिलता आ रहा है । अत: इन सबका मैं अत्यधिक आभारी हूँ। ___ बन्धुवर डॉ. मोहनचन्द जोशी, प्रो० एवं अध्यक्ष, मनोविज्ञान विभाग, रायपुर विश्वविद्यालय, डॉ. रघुनाथ गिरि, रीडर, दर्शन विभाग, काशी विद्यापीठ तथा डॉ० रामइकबाल पाण्डेय, अध्यक्ष, मनोविज्ञान विभाग, गुरुकुल कांगड़ी के स्नेह एवं सहयोग मुझे सदा उत्साहित करते रहे हैं। अतएव इनके प्रति कृतज्ञता व्यक्त किए बिना मैं रह नहीं सकता। __मित्रवर श्री रवीन्द्रकुमार शृगी, संगीत महाविद्यालय, का० वि० वि०; डॉ. अजित शुकदेव शर्मा, दर्शन विभाग, का० वि० वि०; डॉ. रमाकान्त सिंह, मनोविज्ञान विभाग, अलीगढ़ विश्वविद्यालय; डॉ० अर्हदास दिगे, दर्शन विभाग, आर्ट स एण्ड कॉमर्स कॉलेज, कराड (महाराष्ट्र); पं० कपिलदेव गिरि, श्री हरिहर सिंह एवं श्री मोहन लाल, पार्श्वनाथ विद्याश्रम; श्री वैद्यनाथ सिंह, छितरी; श्री सदानन्द सिंह, जलालपुर, आदि का मैं बहुत आभारी हूँ जिनसे मुझे हमेशा ही स्नेह एवं सहयोग मिलता रहा है। अपने परिवार के सदस्यों विशेषकर अपने माता-पिता श्रीमती जयलक्ष्मी सिन्हा तथा श्री पंचम सिन्हा, अनुज श्री रवीन्द्र एवं विश्वमोहन और धर्मपत्नी श्रीमती शान्ति सिन्हा का बहुत ही आभारी हूँ जिन्हें मेरे शोध कार्य की दीर्घ व्यस्तता के कारण अनेक कष्ट झेलने पड़े। अपनी छोटी बहन शशि का मैं खास तौर से आभारी हूँ जो मुझे पुस्तक की छपाई तथा अन्य पठन-पाठन एवं लेखन सम्बन्धी कार्यों की याद दिलाकर उत्साहित करती रहती है। डी० १/४८, गोपालकृष्ण भवन लाहौरी टोला, वा रा ण सी महाशिवरात्रि, १३ फरवरी, १९७२ बशिष्ठनारायण सिन्हा Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.002125
Book TitleJain Dharma me Ahimsa
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBasistha Narayan Sinha
PublisherParshwanath Shodhpith Varanasi
Publication Year2002
Total Pages332
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, History, & Biography
File Size13 MB
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