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________________ सन्दर्भ प्रन्थ-सूची (क) मौलिक पन्थ (१) जन प्रम्प उदयप्रभसूरि - धर्माभ्युदय-महाकाव्य, सिजैन, २५, बम्बई । उदयप्रभरि - सुकृत कीर्तिकल्लोलिनी, (सम्पा० ) सी० डी० दयाल, जी ओ एस दसवाँ ( एपे०, पृ० ६९-९०), बड़ौदा, १९२०; ( सम्पा० ) पुण्यविजय सूरि, बम्बई, १९६० ।। जयसिंहसूरि -- वस्तुपाल-तेजपाल-प्रशस्ति, ( सम्पा० ) सी० डी० दयाल, जी ओ एस दसवाँ, एपे० १, बड़ौदा, १९२० । जयसिंहसरि --कुमारपालभूपालचरित, (सम्पा० )क्षान्तिविजयगणि, विजयदेव सूरि संघ, निर्णय सागर प्रेस, बम्बई, १९२६ । जिनप्रभसूरि -विविधतीर्थकल्प या तीर्थकल्प या कल्पप्रदीप, सिजैन १०, शान्ति निकेतन, १९३४ । जिनप्रभसूरि-विधि मार्ग प्रपा नाम सुविहित सामाचारी, (सम्पा०) जिनविजय, निर्णय सागर मुद्रण यन्त्रालय, बम्बई, १९४१ । जिनपालोपाध्यायादि - खरतरगच्छ-बृहदगुर्वावलि, जिनविजयमुनि, (सम्पा० ) सिजैन ४२, बम्बई, १९५६ । जिनमण्डन - कुमारपालप्रबन्ध, ( सम्पा० ) चतुर्विजयमुनि, आत्मा नन्द ग्रन्थमाला ३४, भावनगर, १९१४ । जिनविजयमुनि ( सम्पा० )- खरतरगच्छ-पट्टावली संग्रह, कलकत्ता, १९३२ । जिनविजय मुनि ( सम्पा० )- जैन पुस्तक प्रशस्ति संग्रह, सिजैन, १८, बम्बई, १९३४ । जिनविजयमुनि ( सम्पा० )-प्राचीन जैन लेख संग्रह, दो भागों में, भावनगर, १९२१ । Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.002121
Book TitlePrabandh kosha ka Aetihasik Vivechan
Original Sutra AuthorN/A
AuthorPravesh Bharadwaj
PublisherPrakrit Bharti Academy
Publication Year1995
Total Pages282
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & Literature
File Size11 MB
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