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________________ प्रमुख निम्नलिखित हैं (क) प्रारम्भिक जैन- प्रबन्ध क्र० सं० ग्रन्थ-नाम १. २. ३. परिशिष्ट (१) प्रमुख जैन- प्रबन्ध 'जैन- प्रबन्धों के ग्रन्थ- नाम, ग्रन्थकार-नाम और रचना-तिथियाँ ५. ६. ग्रन्थकार-नाम जिनभद्र प्रभाचन्द्र मेरुतुङ्ग पुरातन - प्रबन्ध सङ्ग्रह सम्पा०, जिनविजय विविधतीर्थंकल्प प्रबन्धकोश प्रबन्धावलि प्रभावकचरित प्रबन्धचिन्तामणि (च) परवर्ती जैन प्रबन्ध क्र० सं० ग्रन्थ-नाम ७. कुमारपालचरित ८. जगडुचरित जिनप्रभसूरि राजशेखरसूरि ९. कुमारपालप्रबन्ध १०. कुमारपालचरितसंग्रह ११. कुमारपालप्रबन्ध १२. कान्हददे - प्रबन्ध १३. प्रबन्धराज या भोजप्रबन्ध* १४. भोजप्रबन्ध* फतेहचन्द्र बेलानी ने इन ग्रन्थों को जैन ग्रन्थ और ग्रन्थकार, बनारस, Jain Education International पद्मनाभ रत्नमण्डन गणि राजवल्लभ रचना- तिथियाँ १२३४ ई० १२७७ ई० १३०५ ई० ग्रन्थकार-नाम जयसिंहसूरि सर्वानन्द सोमतिलक सम्पा०, जिनविजय जिनमण्डनगणि For Private & Personal Use Only १३३२ ई० १३४९ ई० रचना - तिथियाँ १३६० ई० १४वीं शती १४वीं शती १४०७ ई० १४३६ ई० १४५६ ई० १४६० ई० १४७३ ई० कथा चरित वर्ग में रक्खा है । दे०, १९५०, पृ० ४३, पृ० ४५ । www.jainelibrary.org
SR No.002121
Book TitlePrabandh kosha ka Aetihasik Vivechan
Original Sutra AuthorN/A
AuthorPravesh Bharadwaj
PublisherPrakrit Bharti Academy
Publication Year1995
Total Pages282
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & Literature
File Size11 MB
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