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विषय-सूची अध्याय एक: प्रस्तावना
१-१२ जिनसेन, हेमचन्द्र और मेरुतुंग की इतिहास संबंधी विचारधाराएँ-१, राजशेखर द्वारा इतिहासपरम्परा को आगे बढ़ाना - ४, जैन-प्रबन्ध, जैनइतिहास की एक विधा - ५, प्रबन्ध शब्द का विशिष्ट अर्थ - ६, राजशेखर द्वारा जैन-प्रबन्ध की स्पष्ट परिभाषा - ७, जैन प्रबन्धों की विशेषताएँ - ८, जैन-प्रबन्ध और जैन-चरित में अन्तर
- १०॥ हो : प्रबन्धकार की नीवनी व कृतित्त्व
१३ - २३ राजशेखर का जन्म स्थान - १३, जन्मकाल, कुल व गच्छ --- १४, उसका व्यापक अध्ययन – १५, पर्यटन -- १६, सूरि-पद की प्राप्ति - १७, राजशेखर और मुहम्मद बिन तुगलक की समकालिकता - १७, राजशेखर द्वारा १३४९ ई० में प्रबन्धकोश की रचना - १८, उसका संगीत-प्रेम - १८, उसका महाप्रयाण - १९, राजशेखर की प्रमुख कृतियाँ - अन्तर्कथा-संग्रह - १९, न्यायकन्दली की टीका - २०, प्राकृत द्वयाश्रयकाव्य पर वृत्ति - २०, स्याद्वादकलिका, षड्दर्शनसमुच्चय, उपदेशचिन्तामणि, सूरिमन्त्र नित्यकर्म – २१, वृत्तित्रय निबन्ध, नेमिनाथ फागु – २२, प्रबन्धकोश, शान्ति
नाथचरित का संशोधन – २३ । तीन : अन्ध-परिचय
तत्कालीन राजनीतिक पृष्ठभूमि - २४, साहित्यिक पृष्ठभूमि - २५, ग्रन्थ रचना-काल व स्थान -
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