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________________ ५४ जैन एवं बौद्ध योग : एक तुलनात्मक अध्ययन समाधि के बाधक तत्त्व समाधि की क्रिया में विघ्न उत्पन्न करनेवाले तत्त्वों को बौद्ध परम्परा में नीवरण कहा गया है। कामच्छन्द, व्यापाद, स्त्यान, मिद्ध, औद्धत्य, कौकृत्य एवं विचिकित्सा, ये सात बाधक तत्त्व हैं। चूँकि ये ध्यान आदि कुशल धर्मों का निवारण कर देते हैं, इसलिए इन्हें नीवरण कहा गया है।१५० कामच्छन्द- विषयों के प्रति अनुराग को कामछन्द कहते हैं। कामच्छन्द होने से समाधि में चित्त प्रतिष्ठित नहीं हो सकता है, क्योंकि विषयों में आसक्त व्यक्ति के चित्त एवं उसमें उठनेवाले विभिन्न चैतसिक धर्मों का किसी एक आलम्बन में स्थिर होना असंभव है। व्यापाद- हिंसा को व्यापाद कहते हैं। हिंसा भाव से चित्त परिवर्तित होता रहता है। स्त्यान एवं मिद्ध- अकर्मण्यता को स्त्यान तथा आलस्य को मिद्ध कहते हैं। स्त्यान और मिद्ध से चित्त अकर्मण्य हो जाता है। औद्धत्य- चित्त की अव्यवस्थित अवस्था को औद्धत्य कहते हैं। कौकृत्य- चित्त में खेद या पश्चाताप का आना कौकृत्य कहलाता है। औद्धत्य और कौकृत्य के शान्त होने से चित्त को शान्ति एवं सुख की उपलब्धि होती है। विचिकित्सा संशय को विचिकित्सा कहते हैं। विचिकित्सा के शान्त होने से चित्त ध्यान-लाभ करानेवाले मार्ग पर आरूढ़ होता है। अतः समाधि की भावना के लिए उद्योगी साधक को इन सात विघ्नकारक नीवरणों का नाश करना चाहिए।१५१ जब साधक नीवरणों का विनाश कर लेता है, तभी उसे ध्यान का लाभ होता है एवं उसमें ध्यान के वितर्क, विचार, प्रीति, सुख या एकाग्रता-इन पाँच अंगों का प्रादुर्भाव होता है। १५२ सम्यग्तप चित्तशुद्धि का सतत् प्रयत्न ही बौद्धाचार्यों के अनुसार तप है। बौद्ध साधनापद्धति में तप को आत्मा की अकुशल चित्तवृत्तियों या पाप वासनाओं के क्षीण करने का एक साधन माना गया है। भगवान् बुद्ध और निम्रन्थ उपासक सिंह सेनापति के संवाद से इस तथ्य को और अधिक स्पष्ट किया जा सकता है। बुद्ध ने उपासक सिंह से पूछा- हे सिंह! एक पर्याय ऐसा है जिससे सत्यवादी मनुष्य मुझे तपस्वी कह सके। वह पर्याय कौन Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.002120
Book TitleJain evam Bauddh Yog
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSudha Jain
PublisherParshwanath Shodhpith Varanasi
Publication Year2001
Total Pages344
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, History, Story, & Biography
File Size14 MB
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