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________________ सेवा [ 35 सेवा का भाव उसी में उत्पन्न होता है, जो अपनी प्रसन्नता के लिये वस्तु अवस्था एवं परिस्थिति की खोज नहीं करता है। क्योंकि वस्तु, अवस्था, परिस्थिति आदि से सुख चाहना अर्थात् उनका दास हो जाना सेवा नहीं होने देता है । भोगी संसार के पीछे दौड़ता है और सेवक के पीछे संसार दौड़ता है तथा उसे अपना प्यार प्रदान करत है। प्यार के आदान-प्रदान में ही सच्चा सुख है। संसार में सच्चा प्यार सेवक को ही मिलता है। भोगी संसार को प्यार करता है और सेवक को संसार प्यार करता है । सेवक को संसार की ओर से मिलने वाले प्यार के लिये लेशमात्र भी प्रयत्न नहीं करना पड़ता है। वह प्यार स्वत: पाता है और स्वतः पाने पर भी सेवक को बांध नहीं पाता है। परन्तु, सेवा सरिता के प्रवाह के समान सहज ही सेव्य की ओर बहती रहती है । सेवक पर किसी भी परिस्थिति का किंचित् भी प्रभाव नहीं पड़ता है । सेवक के हृदय से क्रियाजन्य रस की प्रासक्ति स्वतः निवृत्त हो जाती है जिस निवृत्ति को योगी योग से, ज्ञानवान् विवेक से प्राप्त करता है, सेवक उसी को वर्तमान परिस्थिति के सदुपयोग रूप सेवा से प्राप्त कर लेता है। सेवा का भगवद्प-निर्धन, दीन, दरिद्र भी चेतनायुक्त होने से चिदानन्द प्रभु के, नारायण के ही रूप हैं। सेवा की आवश्यकता व अपेक्षा दरिद्र, दीन एवं दु:खी को ही होती है, सम्पन्न व सुखी को नहीं। अत: दरिद्र-नारायण की सेवा ही प्रभु की सेवा है। प्रभु की भक्ति के नौ प्रकार प्रसिद्ध हैं, यथाः-1. अर्चना 2. वंदना 3. स्मरण 4. पाद-सेवन 5. श्रवण 6. कीर्तन 7. दासभाव 8. सख्यभाव मौर 9. आत्मभाव । दरिद्र-नारायण अर्थात् गरीबों को आवश्यक वस्तुएं समर्पण करना अर्चना है। उनके प्रति विनम्र व्यवहार करना, प्रादरसत्कार करना वन्दना है। दुःख-निवारणार्थ उनका स्मरण करना स्मरण है । अपने आचरण द्वारा उनकी सेवा करना चरण-सेवा या पाद-सेवन है । दुःख-दर्द को ध्यान से सुनना श्रवण है। दुःखियों के सद्गुणों की प्रशंसा करना कीर्तन है । दु:खियों के दास बनकर सेवा करना दास्यभाव व मित्र के समान सेवा करना सखाभाव है तथा Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.002119
Book TitleSakaratmak Ahimsa
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKanhaiyalal Lodha
PublisherPrakrit Bharti Academy
Publication Year1996
Total Pages404
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & Yoga
File Size17 MB
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