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________________ 230 ] सकारात्मक अहिंसा न हो सके तो उसका अर्थ हुआ कि कर्मक्षय होने की कभी भी संभावना नहीं है। इसलिये निवृत्ति अथवा निष्कर्मता का अर्थ स्थूल निष्क्रियता समझने में भूल होती है। निष्कर्मता एक सूक्ष्म वस्तु है । वह आध्यात्मिक अर्थात् बौद्धिक, मानसिक, नैतिक भावना का विषय और इससे भी परे जीवात्मक है। क, ख, ग, घ नाम के चार व्यक्ति प, फ, ब, भ नाम के चार भूखे आदमियों को एक-सा अन्न देते हैं । चारों बाह्य कर्म करते हैं और चारों को समान स्थूल तृप्ति होती है । परन्तु संभव है कि 'क' लोभ से देता हो, 'ख' तिरस्कार से देता हो, 'ग' पुण्येच्छा से देता हो और 'घ' प्रात्मभाव से स्वभावतः देता हो । उसी तरह 'प' दुःख मानकर लेता हो, 'फ' मेहरवानी मानकर लेता हो, 'ब' उपकारक भावना से लेता हो, और 'भ' मित्र भाव से लेता हो । अन्नव्यय और क्षुधातृप्ति रूपी बाह्य फल सबका समान होने पर भी देने के भेदों के कारण कर्म के बंधन और क्षय की दृष्टि से बहुत फर्क पड़ जाता है। उसी तरह क, ख, ग, घ से प, फ, ब, भ, अन्न मांगें और चारों व्यक्ति उन्हें भोजन नहीं करावें, तो इसमें कर्म से समान परावृत्ति है, और चारों को स्थूल भूख पर इसका समान परिणाम होता है। फिर भी भोजन न करावें या जल न पाने के पीछे रही बुद्धि भावना नीति, संवेदना, इत्यादि भेद से इस कर्मपरावृत्ति से कर्म के बंधन और क्षय एक-से नहीं होते। तो यहाँ प्रवृत्ति और निवृत्ति के साथ परावृत्ति और वृत्ति शब्द भी याद रखने जैसे हैं। परावृत्ति का अर्थ निवृत्ति नहीं है । परन्तु बहुत-से लोग परावृत्ति को ही निवृत्ति मान बैठते हैं । और वृत्ति अथवा वर्तन का अर्थ प्रवृत्ति नहीं है । परन्तु बहुत-से लोग वृत्ति को ही प्रवृत्ति समझते हैं । वृत्ति का अर्थ है केवल बरतना । प्रवृत्ति का अर्थ है विशेष प्रकार के आध्यात्मिक भावों से बरतना । परावृत्ति का अर्थ है वर्तन का अभाव, निवृत्ति का अर्थ है वृत्ति तथा परावृत्तिसंबंधी प्रवृत्ति से भिन्न प्रकार की विशिष्ट आध्यात्मिक संवेदना। . अब कर्म-बंधन और कर्मक्षय के विषय में बहुतों का ऐसा ख्याल Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.002119
Book TitleSakaratmak Ahimsa
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKanhaiyalal Lodha
PublisherPrakrit Bharti Academy
Publication Year1996
Total Pages404
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & Yoga
File Size17 MB
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