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________________ 174 सकारात्मक प्रहिंसा काव्यगत गुणों की दृष्टि से यह श्रेष्ठ काव्य माना गया है। इसमें दान की महिमा के प्रसंग अत्यन्त विरल रहे हैं, फिर भी शन्यता नहीं रही। काव्य का नायक यक्ष अपने मित्र मेघ से कहता है-हे मित्र ! याचना करनी हो, तो महान् व्यक्ति से करो, भले ही निष्फल हो जाए, परन्तु नीच व्यक्ति से कभी न माँगो भले ही वह सफल भी हो जाए।' इसमें कहा गया है कि महान् व्यक्ति से ही दान की माँग करो, हीन व्यक्ति से नहीं, इस कथन में कालिदास ने दान का महान् रहस्य प्रकट कर दिया है। 'कुमार सम्भव' महाकाव्य में महाकवि कालिदास ने शिव और पार्वती का वर्णन किया है। यथाप्रसंग जीवन के अनेक रहस्यों के मर्म का प्रकाशन भी किया है । शिव को कवि ने आशुतोष कहा है। शिव सबको वरदान देते हैं, किसी को भी अभिशाप नहीं। कवि ने अनेक स्थलों पर शिव की दान-वीरता का मधुर भाषा में वर्णन किया है। शिव ने अपनी भोग साधना में विघ्न डालने वाले कामदेव को जब तृतीय नेत्र से भस्म कर दिया, तो उसकी पत्नी रति विलाप करती हुई, शिव के समक्ष उपस्थित होकर, अपने पति के पुनर्जीवन का वरदान माँगती है। रति के शोक से अभिभूत होकर शिव उसे जीवनदान का वरदान दे बैठते हैं। यह कवि की अलंकृत भाषा है। परन्तु इस कथन से शिव की दान-शीलता का स्पष्ट चित्रण हो जाता है, यही अभीष्ट भी है। कवि कालिदास ने अपने प्रसिद्ध महाकाव्य 'रघुवंश' में रघुवंश के राजाओं का विस्तार से वर्णन किया है। दिलीप, रघ, अज, दशरथ राम और लव-कुश आदि रघुवंशीय राजाओं की दानशीलता का कवि ने प्रस्तुत काव्य के अनेक सर्गों में वर्णन किया है। एक स्थल पर कहा गया है-'जैसे मेघ पृथ्वी से पानी खींच कर, फिर वर्षा के रूप में उसे पुनः लौटा देता है वैसे ही रघुवंशीय राजा अपने प्रजात्रों से कर लेकर, दान के रूप में वापस लौटा देते हैं।' रघुवंश काव्य में ही एक दूसरा सुन्दर प्रसंग है-'वरतन्तु का शिष्य कौत्स, अपने गुरु को दक्षिणा देने का संकल्प करता है । वह याचना करने के लिए राजा रघ के द्वार पर पहुँचा, पर पता लगा, कि राजा सर्वस्व का दान कर Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.002119
Book TitleSakaratmak Ahimsa
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKanhaiyalal Lodha
PublisherPrakrit Bharti Academy
Publication Year1996
Total Pages404
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & Yoga
File Size17 MB
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