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________________ xxii बौद्ध प्रमाण-मीमांसा की जैनदृष्टि से समीक्षा El minim in ३११ ३१२ ३१४ ३१७ ३१८ ३१८ ३१८ ३२० ३२२ in अन्य दर्शनों में प्रत्यभिज्ञान बोद्धदर्शन में प्रत्यभिज्ञान का अप्रामाण्य जैनों द्वारा प्रत्यभिज्ञान-प्रमाण का प्रतिष्ठापन अकलङ्क द्वारा प्रत्यभिज्ञान-प्रमाण का स्थापन विद्यानन्द द्वारा स्थापन प्रभाचन्द्र और वादिदेवसूरि द्वारा स्थापन हेमचन्द्र सूरि द्वारा स्थापन समीक्षण तर्क-प्रमाण जैनदर्शन में तर्क का स्वरूप वैदिक दर्शन प्रस्थानों में तर्क का स्वरूप बौद्ध दर्शन में तर्क का स्वरूप जैन दार्शनिकों द्वारा बौद्धों का खण्डन एवं तर्क का प्रमाण रूप में स्थापन अकलङ्क की युक्तियां विद्यानन्द के तर्क प्रभाचन्द्र द्वारा स्थापन वादिदेवसूरि की नई युक्तियां हेमचन्द्रसूरि का मत समीक्षण आगम-प्रमाण बौद्धदर्शन में शब्द का अनुमान-प्रमाण में अन्तर्भाव जैन दर्शन में आगम-प्रमाण बौद्ध मान्यता का खण्डन अकलङ्क की युक्तियाँ प्रभाचन्द्र एवं वादिदेवसूरि के तर्क सारांश अपोह-विचार बौद्ध दर्शन में अपोह ३२३ ३२३ ३२५ ३२७ ३२९ ३३० ३३० ३३१ ३३२ ३३२ ३३४ ३३६ ३३७ ३३८ ३३८ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.002113
Book TitleBauddh Pramana Mimansa ki Jain Drushti se Samiksha
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDharmchand Jain
PublisherParshwanath Shodhpith Varanasi
Publication Year1995
Total Pages482
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Culture, & Religion
File Size20 MB
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