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बौद्ध प्रमाण-मीमांसा की जैनदृष्टि से समीक्षा
२३१ २३४
२३५
२३७
२४३
२४४
२४४
पात्रस्वामी २२४, अकलङ्क २२६, विद्यानन्द २२६,अभयदेवसूरि २२९,
हेमचन्द्र २३०
समीक्षण हेतु-भेद
बौद्धदर्शन में हेतु-भेद जैन दर्शन में हेतु-भेद
समीक्षण जैनों द्वारा स्थापित विशिष्ट हेतु
कारण हेतु
पूर्वपक्ष २४५, उत्तरपक्ष २४५, अकलङ्क २४५, विद्यानन्द २४५, माणिक्यनन्दी २४६,प्रभाचन्द्र २४६ ,
वादिदेवसूरि २४७,हेमचन्द्र २४८ समीक्षण पूर्वचर एवं उत्तरचर हेतु समीक्षण सहचर हेतु
समीक्षण अनुपलब्धि हेतु पर विचार व्याप्ति-विमर्श
बौद्धदर्शन में व्याप्ति जैनदर्शन में व्याप्ति व्याप्ति-ग्राहक तादात्म्य एवं तदुत्पत्ति द्वारा अविनाभाव मानने का खण्डन
अकलङ्क २६२, विद्यानन्द २६३ प्रभाचन्द्र २६४,वादिदेवसूरि २६५
२४९
२४९
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