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________________ द्वितीय अध्याय) समाधिमरण सम्बन्धी जैन साहित्य जैन साहित्य भारतीय वाङ्मय का महत्त्वपूर्ण अंग है। प्राचीन जैन साहित्य अर्धमागधी, शौरसेनी एवं महाराष्ट्री प्राकृत में रचा गया है। आगे चलकर संस्कृत अपभ्रंश, राजस्थानी, गुजराती एवं हिन्दी भाषा में भी विपुल साहित्य की रचना हुई है। उधर दक्षिण भारत में जैनाचार्यों ने तमिल और कन्नड़ में भी पर्याप्त ग्रन्थ रचे हैं। प्रस्तुत अध्याय में इन सबकी चर्चा तो सम्भव नहीं है। अत: हम केवल उन्हीं ग्रन्थों पर प्रकाश डालेंगे जो मुख्यतः समाधिमरण की साधना से सम्बन्धित हैं। जैन साहित्य के हम दो भेद कर सकते हैं- (१) महावीर के पूर्व का साहित्य और (२) महावीर एवं उनके परवर्ती आचार्यों का साहित्य। महावीर के पूर्व जो जैन साहित्य रचा गया था वह यद्यपि इस समय उपलब्ध नहीं है, लेकिन उसके रचे जाने के प्रमाण अवश्य मिलते हैं। महावीर के पूर्व ऋषभ, नेमिनाथ, अरिष्टनेमि पार्श्व आदि जो तीर्थङ्कर हुए थे उनकी दार्शनिक एवं आचार सम्बन्धी मान्यताओं/उपदेशों का संकलन किया गया था । चूँकि वे महावीर के पहले रचे (संकलित) गए थे, इसी कारण उन्हें पूर्व कहा जाता है। पूर्व साहित्य के ग्रन्थों की संख्या चौदह मानी जाती है।' महावीर के यग का साहित्य वह है जिसमें महावीर के उपदेश या सिद्धान्त संकलित किए गए हैं। महावीर ने अपने धार्मिक या दार्शनिक सिद्धान्तों को न तो संकलित किया और न कोई साहित्यिक रूप ही प्रदान किया, परन्तु महावीर के प्रमुख शिष्यों तथा परवर्ती आचार्यों ने उनके उपदेशों को संकलित करके उन्हें एक साहित्यिक रूप दिया। रचनाकारों के आधार पर उस साहित्य के निम्नलिखित विभेद किए गए हैं (१) अंग-प्रविष्ट - जिनकी रचना (संकलन) गणधर अर्थात् महावीर के प्रधान शिष्यों के द्वारा हुई। (२) अंग-बाह - जिनकी रचना अन्य आचार्यों द्वारा हुई । परन्तु समय के साथ-साथ धीरे-धीरे जब यह साहित्य नष्ट होने लगा तब जैन श्रमणों (आचार्यों) ने तीन बार महासम्मेलन करके उसे पुनः संकलित किया और उसे नष्ट होने से बचाया। ये तीनों Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.002112
Book TitleSamadhimaran
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRajjan Kumar
PublisherParshwanath Shodhpith Varanasi
Publication Year2001
Total Pages238
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Philosophy, Religion, & Epistemology
File Size10 MB
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