________________
vi
प्रेरणा ने मुझे पुस्तक पूर्ण करने का मार्ग प्रदान किया । इन गुरुजनों के आशीष के बिना पुस्तक का कार्य कभी भी पूर्ण नहीं हो पाता ।
प्रो० बीना शाह (निदेशक, आई० ए० एस० ई०, महात्मा ज्योतिषा फुले रूहेलखण्ड वि० वि०, बरेली), डॉ० जितेन्द्र बी० शाह (निदेशक, शारदाबेन चिमन भाई एजुकेशनल ट्रस्ट, अहमदाबाद), डा० अशोक कुमार सिंह एवं डा० शिवप्रसाद (प्रवक्ताद्वय, पार्श्वनाथ विद्यापीठ, वाराणसी), को धन्यवाद देता हूँ जिनका सहयोग पुस्तक पूर्ण करने में प्राप्त हुआ । पार्श्वनाथ विद्यापीठ के सचिव श्री भूपेन्द्रनाथ जैन, संयुक्त सचिव श्री इन्द्रभूति बरड़, निदेशक- प्रो० भागचंद जैन का आभारी हूँ जिनके सहयोग एवं कृपा के बिना संस्थान से इस पुस्तक का प्रकाशन शायद ही सम्भव हो पाता । उनके इस सहयोग के लिए उन्हे कोटिशः धन्यवाद ।
अग्रज - शम्भू दा, अनुज - मनोज, बहन रेखा एवं बहनोई - धनंजय, डा० अशोक कुमार श्रीवास्तव, श्री सुधीर शंकर के प्रति अपना आभार व्यक्त करता हूँ जिनके भावात्मक प्रेम ने पुस्तक पूर्ण करने का साहस प्रदान किया ।
अपनी पत्नी डॉ० सुनीता (अध्यक्ष, संस्कृत विभाग, एस० वी० एस० स्नातकोत्तर महाविद्यालय, रुड़की) के सहयोग के बिना इस पुस्तक का प्रकाशन सम्भव नहीं था । उसने प्रत्येक स्तर पर इस हेतु पूर्ण योगदान किया। कमोवेश यह उसकी ही कृति है और उसे प्रदान कर अनुपम सुख का अनुभव कर रहा हूँ ।
डॉ० विजय कुमार एवं डॉ० सुधा जैन (प्रवक्ताद्वय, पार्श्वनाथ विद्यापीठ, वाराणसी) का पुस्तक प्रकाशन में सराहनीय योगदान रहा। इस हेतु दोनों को आभार, धन्यवाद एवं आशीर्वाद ।
सुन्दर अक्षर-सज्जा हेतु राजेश कम्प्यूटर्स को और आकर्षक मुद्रण लिए राघव ऑफसेट को धन्यवाद देता हूँ ।
एक बार पुनः सबके प्रति जिन्होंने इस पुस्तक को पूर्ण करने में परोक्ष / अपरोक्ष सहयोग किया, कृतज्ञता ज्ञापित करता हूँ एवं पुस्तक में होनेवाली त्रुटियों के लिए क्षमा चाहता हूँ ।
महात्मा ज्योतिषा फुले रूहेलखण्ड विश्वविद्यालय, बरेली- २४३००६ ( उत्तर प्रदेश)
Jain Education International
For Private & Personal Use Only
विनीत
रज्जन कुमार उपाचार्य एवं अध्यक्ष
www.jainelibrary.org