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१६६ : आचाराङ्ग का नीतिशास्त्रीय अध्ययन २३. बृहद्रव्यसंग्रह, गा० ४१. २४. आचार्य वसुनन्दि, वसुनन्दिश्रावकाचार, भारतीय ज्ञानपीठ काशी, ___बनारस-४, प्रथम आवृत्ति, सन् १९५२, गा० ६. २५. दर्शनपाहुड, गा० २०. २६. तत्त्वार्थसूत्र, १/२ २७. आचारांग, १/३/४ २८. वही, १/६/२ २९. वही, १/३/३ ३०. आचारांग, १/३/२. ३१. गीता, १८/६६. ३२. वही, १८/५७. ३३. वही, १८/५८. ३४. वही, १८/६६. ३५. पं० सुखलाल संधवी, जैनधर्म का प्राण, सस्ता साहित्य मंडल, नई दिल्ली,
प्रथम आवृत्ति, सन् १९६५, पृ० २४. ३६. उत्तराध्ययन, २५/२७. ३७. आचारांग, ११५।३. ३८. मोणं सम्मं । वही, १/५/२. ३९. आचारांग, १/१/३. ४०. वही, १/६।२ ४१. वही, १/५/५. ४२. आचारांग नियुक्ति, गा० २२१. ४३. संपा० पं० शोभाचन्द्र भारिल्ल, ज्ञाताधर्मकथा, श्रीत्रिलोकरल स्थानक
वासी जैनधार्मिक परीक्षा बोर्ड, पाथर्डी (अहमदनगर), प्रथमावृत्ति, सन्
१९६४, अ० १ सू० ४५. ४४. उत्तराध्ययन, २८/२९. ४५. महानिशोथ-२. ४६. दर्शनपाहुड-गा० २०. ४७. समन्तभद्र, रत्नकरण्डश्रावकाचार, टीका० आचार्य प्रभाचन्द्र, वीर सेवा
मन्दिर ट्रस्ट-वाराणसी, प्रथम संस्करण, १९७२; १/१८. ४८. अष्टप्राभृत-दर्शनप्राभृत, ३. ४९. आनन्दघन ग्रन्थावली, अमरनाथ जिनस्तवन पद ५. ५०. छहढाला, ३/१७. ५१. अंगुत्तरनिकाय-प्रथमनिपात, १०/१२/५. ५२. गीता-शांकरभाष्य, १८।१२, ४।३९. ५३. मनुस्मृति, ६।७४. ५४. गीता, १७१३. ५५. यजुर्वेद, १९१३०. ५६. तैत्तिरीय ब्राह्मण, ३।७७. ५७. वही, ३।१२।३. ५८. आचारांग, १११।२-६. ५९. वही, १६।४. ६०. वही, १।५।३. ६१. वही, १।६।४. ६२. वही, १।६।४. ६३. वही, ११५।१. ६४. वही, ११५।६. ६५. वही, १।५।१. ६६. वही, १।५।१ पर शीलांक टीका पत्रांक १८१. ६७. आचारांग, १।३।४. ६८. वही, १।५।६. ६९. छहढाला, ढाल-४, गा० ६-७. ७०. मुण्डकोपनिषद्, १।११.
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