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१४६ : आचाराङ्ग का नीतिशास्त्रीय अध्ययन
१७. वही, १/३/४.
१८. (अ) जे एगं जाणइ से सव्वं जाणइ, (ब) विशेषावश्यक भाष्य, गा० ४८२. १९. आचारांग, १/३/४.
२९. वही, १/३/४.
२२ . वही, १ / ३ / ४ एवं १/३/३.
२३. श्रीरत्नमन्दिरगणि, उपदेशतरङ्गिणी ( प्रथम तरंग ) निजधर्म अभ्युदय यन्त्रालय, वाराणसी, वी० सं० २४३७, तप उपदेश, श्लो० ८.
२४. आचारांग, १/८/८/६-७.
२६. गीता, १६ / ४ - २२. २८. आचारांग, १/३/४. ३०. सूत्रकृतांग, १/८/३.
२५. दशवैकालिक, ८/३७. २७. धम्मपद, १७/१-२/३. २९. आचा० चूर्णि; १/३/४. ३१. धम्मपद - २१.
३३.
सौन्दरनन्द-१४४३-४५.
३५. वही, १/३/१. ३८. वही, १/३/२. ४० ख. वही, १/२/१.
४२. संयुक्त निकाय, ४४. वही, १।५।२. ४६. आचारांग १।५।२. ४८. ठाणांग, ३।३३६. ५०. दशवैकालिक, ८।१६. ५२. गीता, २।६३, ४४१.
आचारांग- १/३/४
२०. वही, १/३/४.
३६. वही, १/३/१. ३९. वही, १/२/४.
३२. वही - २ / १ .
३४. आचारांग १/३/४. ३७. वही, १/२/४. ४०क. वही, १/३/२.
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४१. सूत्रकृतांग, ११२।३।१९. १|१|१०, १११ २०.
४३. आचारांग, १/३/३.
४५. वही, १२१, अथर्ववेद, ११।४।२५. ४७. अथर्ववेद, २/६/२.
४९. उत्तराध्ययन, ४६,४/१.
५१. धम्मपद, १३ / २.
५३. अभि० राजे० कोश, ख० ६, पृ० ६७५.
५५. उत्तराध्ययन, ३२/१९.
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५४. आचारांग १।१।५. ५६. गीता, ३/३६, २ / ६२.
५७. गीता - शांकरभाष्य, प्रका० घनश्यामदास जालान, गीता प्रेस गोरखपुर,
चतुर्थं संस्करण १९९५ ३/३७ एवं ३३२
५८. धम्मपद २९५, १६/६-८.
६०. सुत्तनिपात, ५०६८/५.
६१. आर० विलियम जेम्स, जैनयोग, प्रका० ओ० यू० प्रेस, लन्दन, १९६३, पृ० १३१.
५९. अंगुत्तरनिकाय, ३३१०९.
६२. आचारांग १।५।३.
६३. आचारांग १।५।३ पर शीलांक टीका, पत्रांक १९१.
६४. आचारांग, १/३/३, ११५/६ एवं आचारांग १।३।३ पर शीलांक टीका
पत्रांक १५२.
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