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श्रमण अप्रैल-मई १९८८का क्रोड पत्र
अर्हत पार्था और उनकी परम्परा
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डॉ सागरमल जैन
सच्चं लोगम्मि सारभूयं
पार्श्वनाथ विद्याश्रम शोध संस्थान,वाराणसी-५
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