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________________ २४ वर्तमानकालीन मराठी जैन साहित्यकार एवं उनकी रचनाएँ कंकुबाई माधुनिक युग में कुछ महिलाओं ने भी साहित्यरचना में यश प्राप्त किया। इनमें सेठ हिराचन्द नेमचन्द की सुपुत्री कुंकुबाई का स्थान पहला है । अल्प आयु में वैधव्य प्राप्त होने पर इन्होंने अपना सारा जीवन धर्म और साहित्य की सेवा तथा जैन महिला-समाज में ज्ञान-प्रसार के लिए अर्पित कर दिया। चारित्रशुद्धिव्रतकथा तथा जैनव्रतकथासंग्रह ( १९२१), देवसेनाचार्यकृत तत्त्वसार तथा अमृतचन्द्राचार्य कृत समयसारटीका के श्लोक ( जो समयसारकलश के नाम से प्रसिद्ध हैं ) का अनुवाद (१९२३) एवं पपनन्दि आचार्य कृत अनित्यपंचाशत् का अनुवाद (१९२५) आपकी प्रकाशित रचनाएँ हैं।' आचार्य श्री आनन्बाषि जी __ सबर्मबोध ( अमोलक ऋषि जी ) का मराठी अनुवाद ( १९२४ ) इनकी प्रथम रचना है। नागपुर की रस्नग्रंथमाला. में आपकी अन्य कृतियां प्रकाशित हुई जो इस प्रकार हैं-जैन धर्म के विषय में अजैन विद्वानों के अभिप्राय सया जैन धर्म की विशेषता (१९२८), जैन-धर्म का अहिंसा तत्त्व (जिनविजय) का अनुवाद तथा उपदेशरत्नकोश (जिनेश्वरसूरि ) का अनुवाद (१९२९) । मोतीचन्द हिराचन्द गांधी उस्मानाबाद के ये प्रतिष्ठित साहित्यकार हैं । गद्य और पब दोनों में इन का समान अधिकार है । कई प्राचीन प्राकृत और संस्कृत रचनाओं को मराठी में रूपान्तरित कर आपने महत्त्वपूर्ण कार्य किया है। इनकी प्रमुख रूपान्तरित रचनाएँ इस प्रकार हैं-मुनि सुन्दरसूरिकृत साधुशिक्षा ( १९२६ ), हरिषेणाचार्यकृत बृहत्कथाकोश (१९३६), पण्डित आशाधरकृत त्रिषष्टिस्मृतिशास्त्र ( १९३७ ), तमिलवेद रूप में प्रसिद्ध कुरल काव्य ( १९३७), पंच संग्रह (पूज्यपादाचार्यकृत इष्टोपदेश व समाधिशतक, योगीन्दुदेव कृत योगसार व परमात्मप्रकाश तथा सोमप्रभसूरिकृत सूक्तिमुक्तावली ) ( १९५१ ), पण्डित अहंद्दासकृत मुनिसुव्रतकाव्य ( १९५८), वादीभसिंह सूरिकृत क्षत्रचूडामणि ( १९५८) तथा सिद्धर्षिकृत उपमितिभवप्रपंचकथा ( १९६२)। कुन्द कुन्दाचार्य के सभी ग्रन्थों का पद्यबद्ध रूपान्तर आपके ग्रन्थ आचार्य कुन्दकुन्द ... १ महावीर ब्रह्मचर्याश्रम, कारंजा में आपकी स्मृति में कुंकुबाई धार्मिक पाठ्य पुस्तक माला स्थापित की गई। इसमें अब तक दस पुस्तकों के कई संस्करण प्रकाशित हुए हैं। Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.002100
Book TitleJain Sahitya Ka Bruhad Itihas Part 7
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAmbalal P Shah
PublisherParshwanath Shodhpith Varanasi
Publication Year1981
Total Pages284
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, History, & Literature
File Size11 MB
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