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________________ ललित वाङ्मय ५६७ आदि. श्लेषमय शैली में विवेकसागररचित वीतरागस्तव ( ३० अर्थ), नयचंद्रसूरिकृत स्तंभपार्श्वस्तव (१४ अर्थ) तथा सोमतिलक' एवं रत्नशेखरसूरिरचित अनेकों स्तोत्र हैं। पादपूर्ति या समस्यापूर्ति के रूप में लिखे गये स्तोत्रों की संख्या भी कछ कम नहीं है। उनमें मानतुंग के भक्तामरस्तोत्र की समस्यापूर्ति में कई स्तोत्र' प्रकाश में आये हैं--यथा महोपाध्याय समयसुन्दरकृत ऋषभभक्तामर ४५ पद्यों में ( इनमें चतुर्थ पाद की पूर्ति है ), कीर्तिविमल के शिष्य लक्ष्मीविमलकृत भक्तामर की चतुर्थपाद की पूर्ति के रूप में शान्तिभक्तामर, धर्मसिंह के शिष्य रत्नसिंहसूरिकृत नेमि-राजीमती की स्तुति के रूप में ४९ पद्यों में नेमि-भक्तामर (इसका दूसरा नाम प्राणप्रियकाव्य है ), धर्मवर्धनगणिकृत वीरस्तुति के रूप में वीर-भक्तामर, धर्मसिंहसूरि का सरस्वतीभक्तामर, इसी तरह उक्त स्तोत्र की समस्यापूर्ति में जिनभक्तामर, आत्मभक्ताभर, श्रीवल्लभभक्तामर एवं कालूभक्तामर आदि उल्लेखनीय हैं। कल्याणमन्दिरस्तोत्र की समस्यापूर्ति में भावप्रभसूरिकृत जैनधर्मवरस्तोत्र, अज्ञातकर्तृक पार्श्वनाथस्तोत्र, वीरस्तुति तथा विजयानन्दसूरीश्वरस्तवन उपलब्ध हैं। उवसग्गहरस्तोत्र की पादपूर्ति' में भी अनेक स्तोत्र उपलब्ध हुए हैं। अन्य स्तोत्रों में अज्ञातकतृक पाश्वनाथसमस्यास्तोत्र' उल्लेखनीय है। इस प्रकार के कई स्तोत्रों का उल्लेख हम पादपूर्ति-साहित्य में कर आये हैं। संस्कृत भाषा की अन्य स्तुतियों में देवनन्दि पूज्यपाद (छठी शती) की सिद्धभक्ति आदि बारह भक्तियाँ और सिद्धिप्रियस्तोत्र, पात्रकेशरी (छठी शती) - - १. जैनस्तोत्रसमुच्चय, भाग १, पृ० ७६. २. जिनरत्नकोश, पृ० २०९; हीरालाल र० कापड़िया, काव्यसंग्रह, भाग १-२, भागमोदय समिति, बम्बई; स्तोत्ररत्नाकर, प्रथम भाग, मेहसाना, १९१३. १. जिनरत्नकोश, पृ० ८०. १. देवचन्द्र लालभाई जैन पुस्तकोद्धार, ग्रन्थांक ८०, पृ० ४५-४८. ५. जिनरत्नकोश, पृ० २४७, सिद्धान्तसारादिसंग्रह (मा० दिग० जैन ग्रन्थमाला, भाग २१), बम्बई, वि० सं० १९७९. 1. नित्यपाठसंग्रह, कारंजा, १९५६; सिद्धिप्रिय-काव्यमाला, सप्तम गुच्छक, पृ. ३०. Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.002099
Book TitleJain Sahitya Ka Bruhad Itihas Part 6
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGulabchandra Chaudhary
PublisherParshwanath Shodhpith Varanasi
Publication Year1998
Total Pages722
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, History, Literature, Kavya, & Story
File Size11 MB
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