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________________ ललित वाङ्मय ५५७ वर्णन, ८. भोगभूमिवर्णन, ९. आर्य के गुरुगुण का स्मरण, १०. श्रीधर-स्वर्गवैभव-वर्णन, ११. सुविधिपुत्र-संबोधन, १२. अच्युतेन्द्र-दिव्यशरीरवर्णन, १३. वज्रनाभि-स्त्रीवर्ण, १४. सर्वार्थसिद्धि विमानवर्णन, १५. मरुदेवी-वणन, १६. षोडशस्वप्नवर्णन, १७. प्रभातवर्णन, १८. भगवजन्माभिषेकवर्णन, १९. भगवत्परमौदारिकदिव्यदेहवर्णन, २०. भगवद्वैराग्यवर्णन, २१. भगवत्तपोऽतिशयवर्णन, २२. भगवत्-समवसरणशालवेदीवर्णन, २३. समवसरणभूमिवर्णन, २४. अष्टप्रतिहार्यवर्णन, २५. भगवान् का मोक्षगमन और ग्रन्थकर्ता का परिचय । इस गीतिकाव्य में दशावतार के समान राजा जयवर्मा, महाबल विद्याधर, ललिताङ्गदेव, वज्रजंघ, आर्य, श्रीधर, सुविधि, वज्रनाभि, सर्वार्थसिद्धिविमान और ऋषभदेव का गीतात्मक निरूपण किया गया है । उक्त काव्य में प्रेम, ज्ञान, सौन्दर्य और भक्ति का समन्वयात्मक रूप दिखाई पड़ता है तथा काव्यकला का उचित समवाय भी है। यहां प्रबन्धकाव्यों की स्वाभाविक सुन्दरता, गीतिकाव्यों की मधुरता और स्तोत्रकाव्यों की तन्मयता के दर्शन होते हैं। इसमें गीतगोविन्द के समान ही शृंगार एवं शान्तरस की धारा मिलती है और कवि स्वकल्पना-वैभव से नित्य नवीन सृष्टि करते हुए दिखाई पड़ता है। __ इस काव्य में कल्पना-चमत्कार के साथ उपमा, उत्प्रेक्षा, रूपक, अतिशयोक्ति, अर्थान्तरन्यास, अनुमान, काव्यलिंग आदि अलंकारों का समावेश हुआ है । समस्यन्त पदों के प्रयोग से हम इसकी शैली को गौडी शैली कह सकते हैं पर कोमल कान्त पदावली के सद्भाव से इसमें कटुता नहीं आ पाई है। इस काव्य में गीतगोविन्द के समान ही गीतितत्त्व दिखाई पड़ते हैं : यथा गुर्जरीराग, देशीराग, वसन्तराग, माणवगौडीराग, कन्नडराग, आसावरीराग तथा तालों में अष्टताल, यतिताल, यतियतिताल, एकताल आदि । इस तरह राग और ताल की योजना से यह काव्य पूर्ण गेयरूप है। इस नूतन काव्य के कुछ नमूने देखें: १. डा. नेमिचन्द्र शास्त्री, संस्कृतगीतिकाव्यानुचिन्तनम्, पृ० १२६-४०, पी० जी० गोपालकृष्ण अय्यर, Gita Govinda : A Prosodic Study. जर्नल ऑफ ओरियण्टल रिसर्च, मद्रास, १९२८, पृ० ३५०-३६५. Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.002099
Book TitleJain Sahitya Ka Bruhad Itihas Part 6
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGulabchandra Chaudhary
PublisherParshwanath Shodhpith Varanasi
Publication Year1998
Total Pages722
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, History, Literature, Kavya, & Story
File Size11 MB
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