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________________ ललित वाङ्मय ५४१ मृत हो उपलब्ध है। 'नीतिवाक्यामृत' की प्रशस्ति में जिस 'यशोधरचरित' का उल्लेख है वही यह यशस्तिलकचम्पू है। इसमें भारवि, भवभूति, भर्तृहरि, गुणाढ्य,व्यास, भास, कालिदास, बाण आदि कवियों, गुरु, शुक्र, विशा. लाच, पराशर, भीष्म, भारद्वाज आदि राजनीतिशास्त्रप्रणेताओं तथा कई वैयाकरणों का उल्लेख है। यशोधर नृप के चरित्रचित्रण में कवि ने राजनीति की विस्तृत एवं विशद चर्चा की है। यशस्तिलक का तृतीय आश्वास राजनीतिक तत्त्वों से भरा पड़ा है। इस चम्पू की रचना राष्ट्रकूट नरेश कृष्ण के सामन्त चालुक्य अरिकेशरी तृतीय के राज्यकाल में हुई थी। रचनाकाल वि० सं० १०१६ (सन् ९५९) दिया गया है। इसमें तत्कालीन संस्कृति एवं सभ्यता की अनेकों बातों का सुन्दर वर्णन है। प्रो० हान्दिकी के शब्दों में-'भारतीय साहित्य के इतिहास में सोमदेव प्रमुख बहुमुखी प्रतिभाओं में से एक थे और उनका अनुपम ग्रन्थ यशस्तिलक उनकी अनेकविध प्रतिभा का परिचायक है। वे गद्य-पद्य की रचना में बड़े कुशल, बहुस्मृतिसम्पन्न, जैन सिद्धान्त के पारगामी और समकालीन दर्शनों के अच्छे समालोचक थे। वे राजनीति के गम्भीर पण्डित थे तथा इस विषय में उनके दोनों ग्रन्थ यशस्तिलक और नीतिवाक्यामृत एक-दूसरे के पूरक हैं। वे प्राचीन जनकथासाहित्य एवं धार्मिक कथाओं के अच्छे सम्पादक के साथसाथ नाटकीय संवादों को प्रस्तुत करने में बड़े ही प्रवीण थे। वे मानव और उसके स्वभाव की विविधता के अच्छे अध्येता थे। इस तरह संस्कृत साहित्य में सोमदेव की स्थिति सचमुच अतुलनीय है।' इस चम्पू पर श्रीदेवरचित पंजिका उपलब्ध है और पांच आश्वासों पर श्रुतसागर भट्टारककृत संस्कृत टीका तथा ६-८ आश्वासों पर पं० जिनदास फडकुले कृत उपासकाध्ययन-टीका प्रकाशित हो चुकी है। जीवन्धरचम्पू : इस ग्रन्थ के पुष्पिका-वाक्यों में सर्वत्र ग्रन्थ का नाम 'चम्पुजीवन्धर' - १. टी. एस. कुप्पुस्वामी शास्त्री द्वारा सम्पादित-प्रकाशित, श्रीरंगम, १९०५, पं. पन्नालाल साहित्याचार्य द्वारा सम्पादित, भारतीय ज्ञानपीठ, वाराणसी से सं० २०.५ में प्रकाशित-इसमें संस्कृत में कौमुदी टीका तथा हिन्दी अनुवाद दिया गया है। इस संस्करण को ४४ पृ० की प्रस्तावना पठनीय है। Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.002099
Book TitleJain Sahitya Ka Bruhad Itihas Part 6
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGulabchandra Chaudhary
PublisherParshwanath Shodhpith Varanasi
Publication Year1998
Total Pages722
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, History, Literature, Kavya, & Story
File Size11 MB
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