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________________ ललित वाङ्मय ५३९ कुवलयमाला: यह महाराष्ट्री प्राकृत का गद्य-पद्यमिश्रित चम्पू है। इसका परिचय हम कथा-साहित्य में दे आये हैं। यशस्तिलकचम्पू: __ यह चम्पूविधा का विकसित और प्रौढ़ रूप है जिसकी कोटि का संस्कृत साहित्य में कोई दूसरा काव्य नहीं है । यह चम्पू न केवल गद्य-पद्य का श्रेष्ठ नमूना है बल्कि जैन और अजैन धार्मिक एवं दार्शनिक सिद्धान्तों का भण्डार, राजतन्त्र का अनुपम ग्रंथ, विविध छन्दों का निधान, प्राचीन अनेक कहानियों, दृष्टान्तों और उद्धरणों का संग्रहालय और अनेक नवीन शब्दों का. कोश है। सोमदेव की यह कृति उनकी साहित्यिक प्रतिभा और कविहृदय से सम्पन्न विशाल पाण्डित्य की द्योतक है। इस चम्पू में जैन पुराणों में वर्णित एवं जैन कवियों के लिए अतिप्रिय यशोधर नृप की कथा को लिया गया है, जो घरेलू दुर्घटना पर आश्रित एक यथार्थ कहानी है। इस दुःखान्त घटना के चारों ओर एक प्रकार से नैतिक एवं धार्मिक उपदेशों का जाल बुना गया है। सोमदेव के कवित्व की यह सबसे बड़ी कसौटी थी कि वे व्यभिचार और हत्या पर आश्रित एक कथा पर सुबन्धु और बाण को शैली पर उपन्यास लिखने का साहस कर उसमें सफल हुए । वास्तव में समस्त संस्कृत साहित्य में यशस्तिलक ही अकेला ऐसा काव्य है जो दाम्पत्य जीवन की घटना को ले, उसके कृत्रिम प्रेम भाग को छोड़, भाग्यचक्र के खेल और जीवन के कठोर सत्यों का निरूपण करता है। यह काव्य आठ आश्वासों में विभक्त है। घटनास्थल योधेय देश का राजपुर नामक नगर है। वहाँ राजा मारिदत्त वीरवैभव तान्त्रिक के प्रभाव से चण्डमारि देवी के मन्दिर में प्रत्येक वर्ग के प्राणियों के जोड़े बलि देने को १. निर्णयसागर प्रेस, बम्बई से २ भागों में प्रकाशित, १९०१-३, पं. सुन्दरलाल जैन द्वारा संस्कृत-हिन्दी टीका के साथ महावीर जैन ग्रन्थमाला, वाराणसी से १९६० और १९७१ में प्रकाशित; इसके सांस्कृतिक पक्ष के अध्ययन के लिए देखें-जीवराज ग्रंथमाला, सोलापुर से १९५५ में प्रकाशित प्रो० कृष्णकान्त हान्दिकी का 'यशस्तिलक एण्ड इण्डियन कल्चर' तथा पार्श्वनाथ विद्याश्रम शोध संस्थान, वाराणसी से १९६० में प्रकाशित ग. गोकुलचन्द्र जैन का 'यशस्तिलक का सांस्कृतिक अध्ययन', Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.002099
Book TitleJain Sahitya Ka Bruhad Itihas Part 6
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGulabchandra Chaudhary
PublisherParshwanath Shodhpith Varanasi
Publication Year1998
Total Pages722
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, History, Literature, Kavya, & Story
File Size11 MB
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