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________________ ५२६ जैन साहित्य का वृहद् इतिहास हैं । टीकाकार नेमि चन्द्र ने इन्हें अपनो टीका पदकौमुदी में भलीभांति दिखाया है। अन्तिम सर्ग में (विशेषकर पद्य संख्या ४३ प्रभृति में) शब्दालंकारों के अनेक भेदों का प्रयोग किया है । यह प्रवृत्ति भारवि, माघ आदि कवियों में भी देखी जाती है। पद्य संख्या १४३ सर्वगत प्रत्यागत का उदाहरण है। __इस काव्य के आठवें सर्ग को छोड़ प्रत्येक सर्ग में एक प्रकार के छन्द का प्रयोग किया गया है और सर्गान्त के कतिपय पद्यों में अनेक प्रकार के छन्दों का प्रयोग किया गया है। कुल मिलाकर ३१ विविध छन्दों का प्रयोग हुआ है। इसके अठारह सर्गों में कुल पद्यसंख्या ११०५ है। यह काव्य अपने से 'पूर्ववती रचनाओं-रघुवंश. मेघदूत, किरातार्जुनीय एवं शिशुपालवध से अनुप्राणित है। कविपरिचर और रचनाकाल-इस काव्य के रचयिता महाकवि धनंजय हैं। कवि ने अपने वंश या गुरुवंश आदि का कुछ भी उल्लेख किसी भी ग्रन्थ में नहीं किया ओर न अपने पूर्ववर्ती किसी कवि या आचार्य का उल्लेख किया है।। टीकाकार नेमिचन्द्र ने इस काव्य के अन्तिम पद्य की व्याख्या में कवि के पिता का नाम वसुदेव, माता का नाम श्रीदेवी और गुरु का नाम दशरथ सूचित किया है । संभवतः कवि गृहस्थ था। धनंजय की यह कृति अपने ही युग में बड़ी उत्कृष्ट समझी जाने लगी थी और इस काव्य की रचना के कारण ही कवि 'द्विसंधानकवि' नाम से प्रसिद्ध हो गया था। कवि ने अपने उत्कृष्ट काव्य को अकलंक के प्रमाणशास्त्र और पूज्यपाद के व्याकरण के समान उच्च कोटि का कहा है : प्रमाणमकलंकस्य पूज्यपादस्य लक्षणम् । द्विसंधान कवेः काव्यं रत्नत्रयमपश्चिमम् ।। नाममाला,२०१. कवि और उसके काव्य की ख्याति पश्चात्कालीन कवियों में बहुत थी। धारानरेश भोज ने अपने'शृंगारप्रकाश' (११वीं शती का मध्य) में 'दण्डिनो धनअयस्य वा द्विसंधानप्रबंधौ रामायणमहाभारतावनुबध्नाति द्वारा उक्त कवि का स्मरण किया है । भोज के समकालीन प्रभाचन्द्राचार्य ने भी अपने ग्रन्थ १. भोज, शृंगारप्रकाश, मद्रास, १९६२, पृ० ४०६. Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.002099
Book TitleJain Sahitya Ka Bruhad Itihas Part 6
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGulabchandra Chaudhary
PublisherParshwanath Shodhpith Varanasi
Publication Year1998
Total Pages722
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, History, Literature, Kavya, & Story
File Size11 MB
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